रीमेक बनाते समय कई बार गड़बड़ हो जाती है क्योंकि जिन दर्शकों के लिए रीमेक बनाया जा रहा है उनकी पसंद, भाषा और देश के अनुरूप बदलाव किए जाते हैं। दुरंगा में जिस तरह से देसी रंग दिया गया है उससे नौ एपिसोड में बनी 'दुरंगा' ऐसी सीरिज बन गई है जो दर्शकों को पूरे समय बांध कर रखती है। रोमांच पहले एपिसोड से शुरू होकर आखिरी तक रहता है।
क्राइम थ्रिलर इस समय सबसे देखा जाता है और दुरंगा की कहानी का आधार भी अपराध है। मुंबई में रहने वाला समित पटेल (गुलशन देवैया) की पत्नी इरा (दृष्टि धामी) पुलिस अफसर है। दोनों की 6 साल की बेटी है। समित घर की जवाबदारी संभालता है। अचानक कुछ हत्याएं होती हैं। हत्यारे ने 17 साल पहले मर चुके सीरियल किलर बाला बाणे के अंदाज में कत्ल किए हैं जिससे पुलिस के सामने कई सवाल उठते हैं। हत्यारे का लिंक समित और इरा से जुड़ा हुआ है।
दृष्टि धामी लंबे समय बाद नजर आई हैं, लेकिन अभिनय करना नहीं भूली। पुलिस ऑफिसर के रूप में वे नाजुक सी लगती हैं, लेकिन अभिनय के जरिये वे इस बात को छिपा लेती हैं। गुलशन देवैया का रोल मजबूत है और एपिसोड दर एपिसोड उनके किरदार में निखार आता जाता है। उनकी एक्टिंग एकदम नेचुरल है। महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिव्या सेठ शाह, बरखा बिष्ट, राजेश खट्टर, अभिजीत खांडेकर हैं जो अनुभवी और मंझे हुए कलाकार हैं और 'दुरंगा' में अभिनय के जरिये छा जाते हैं।