सोशल मीडिया पर कोविड वैक्सीन को लेकर कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। एक ऐसे ही दावे में कहा जा रहा है कि कोविड वैक्सीन मानव शरीर को ब्लूटूथ कम्पैटिबल बना देता है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट और वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जो दावा करते हैं कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा रही है, वो ब्लूटूथ लिस्ट पर किसी डिवाइस की तरह दिख रहे हैं। हालांकि, इस दावे का कोई आधार नहीं है कि कोविड वैक्सीन में ब्लूटूथ माइक्रोचिप या ऐसा कोई कम्पोनेंट है जो इसे मानव शरीर को ब्लूटूथ डिवाइस बना दे।
क्या हो रहा वायरल-
एक फेसबुक यूजर ने 21 मई को एक वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "AstraZeneca Bluetooth side effects or chipped??"। इस वीडियो में एक शख्स दावा करता है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगवाने के बाद से उसका शरीर ब्लूटूथ डिवाइस से कनेक्ट हो रहा है। इस दावे के साथ वह अपने फोन पर डिवाइस “AstraZeneca_ChAdOx1-S” से ब्लूटूथ पेयरिंग रिक्वेस्ट का नोटिफिकेशन भी दिखाता है।
ऐसा ही एक दावा फाइजर वैक्सीन के लिए भी किया जा रहा है।
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल हो रहे दावे की पुष्टि कर सके कि कोरोना वैक्सीन लगाने वाला शख्स ब्लूटूथ डिवाइस से डिटेक्ट हो सकता है।
हालांकि, हमें न्यूज एजेंसी AFP का एक फैक्ट चेक मिला, जिसमें वायरल दावा का खंडन किया गया है। कोरिया डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एजेंसी के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी को बताया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन या किसी भी अन्य वैक्सीन में ऐसा कोई भी कम्पोनेंट नहीं है जो लोगों को ब्लूटूथ या मानव शरीर को ब्लूटूथ कम्पैटिबल बना दे।