सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने पेंगुइन वाले इमोजी पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस दावे के साथ ANI नाम के ट्विटर हैंडल के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल-
ANI नाम के ट्विटर हैंडल के इस ट्वीट में ब्रेकिंग न्यूज अपडेट देते हुए लिखा गया है कि उद्धव सरकार ने पेंगुइन के इमोजी पर बैन लगा दिया है। यूजर्स इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए उद्वव सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
वायरल ट्वीट जिस ट्विटर हैंडल से किया गया है, उसका नाम ‘@aniparodyy’ है। जबकि ANI का ऑफिशियल ट्विटर हैंडल ‘@ANI’ है। अब यह स्पष्ट है कि वायरल ट्वीट फर्जी ट्विटर हैंडल से किया गया है।
पड़ताल जारी रखते हुए हमने इंटरनेट पर कुछ कीवर्ड्स से सर्च किया। लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि हो सके कि महाराष्ट्र सरकार ने पेंगुइन वाला इमोजी बैन किया है।
क्या है पेंगुइन वाले इमोजी की कहानी?
दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत केस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम जोड़ा जा रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट वायरल हुई हैं जिनमें आदित्य ठाकरे का भी नाम है। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स पेंगुइन के इमोजी का उपयोग आदित्य ठाकरे के लिए करने लगे हैं।
कुछ यूजर्स आदित्य ठाकरे को ‘बेबी पेंगुइन’ नाम से भी संबोधित कर रहे हैं। एक्ट्रेस कंगना रनोट भी अपने एक ट्वीट में आदित्य ठाकरे को इशारों में ‘बेबी पेंगुइन’ कह चुकी हैं।
आदित्य ठाकरे को क्यों कहा जा रहा है ‘बेबी पेंगुइन’?
महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस सरकार के दौरान आदित्य ठाकरे ने मुंबई के चिड़ियाघर में पेंगुइन लाने पर जोर दिया था। चिड़ियाघर में इसके लिए कृत्रिम वातावरण भी बनाया गया था। हालांकि, कुछ दिनों के बाद कुछ पेंगुइन की मौत हो गई। पेंगुइन की मौत के लिए शिवसेना और आदित्य ठाकरे को जिम्मेदार ठहराया गया। पेंगुइन के प्रति आदित्य ठाकरे और उनकी पार्टी के लगाव के कारण ही उन्हें ‘बेबी पेंगुइन’ नाम देकर मजाक बनाया जाता है।
वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने पेंगुइन वाला इमोजी बैन नहीं किया गया है। वायरल ट्वीट ANIके पैरोडी ट्विटर हैंडल से किया गया है।