दहेज कैलकुलेट करने वाली वेबसाइट

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देश में दहेज लेना-देना दंडनीय अपराध है, लेकिन किसी न किसी प्रकार से हमारे समाज में आज भी दहेज प्रथा का प्रचलन है। आज जब देश में इस कुरीति को बंद करने के लिए कई तरह की मुहिम चल रही हैं, इसी बीच सोशल मीडिया में एक ऐसी वेबसाइट का दावा किया जा रहा है, जो दहेज के लिए लड़कों के रेट का हिसाब लगाती है। 
 
जानें, क्या है दावा.. 
सोशल मीडिया पर वायरल इस दावे के मुताबिक dowrycalculator.com नाम की एक वेबसाइट है, जिसके जरिये जाति, उम्र, सैलरी और प्रोफेशन बताकर किसी भी लड़के को मिलने वाले दहेज की गणना की जा सकती है। 
 
dowrycalculator.com वेबसाइट तब सुर्खियों में आई जब कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसके खिलाफ ट्विटर के जरिये पीएमओ से शिकायत की। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा- ‘मुझे इस साइट के बारे में पता चला। ये शर्मनाक है। इसके खिलाफ तुरंत एक्‍शन लेना चाहिए’।
 
इसके बाद, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर इस वेबसाइट को ब्लॉक करने और इसे बनाने तथा चलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर दी।
 
क्या वाकई में ऐसी कोई वेबसाइट है? 
जी हां, वाकई में dowrycalculator.com नाम की एक वेबसाइट है। यह वेबसाइट सबसे पहले दूल्हे की उम्र पूछता है, फिर जाति, प्रोफेशन, सैलरी, कहां से पढ़े हैं, किस देश में काम करते हैं, रंग कैसा है, हाइट, इससे पहले कितनी बार शादी हो चुकी है और आखिरी में पिता का प्रोफेशन। इन सब चीजों के आधार पर यह साइट हिसाब लगाती है कि दूल्हा कितना दहेज पाने योग्य है।
 
क्या आप भी इस वेबसाइट को दहेज जैसी सामाजिक बुराई को बढ़ावा देने के लिए कोसने लगे हैं.. तो रुकिये जनाब.. ये वेबसाइट सिर्फ एक व्यंग्य है। क्या आपने भी उस लाइन को नजरअंदाज तो नहीं कर दिया, जो dowrycalculator.com खोलने के बाद सामने दिखती है – ‘Dedicated to all the match making aunties of India’ यानि ‘भारत में शादी कराने वाली आंटियों के नाम समर्पित’।
 
दरअसल, जब कोई व्यक्ति इस साइट पर दहेज के लिए अपना रेट जानने के लिए सारी डिटेल डालता है, तो दहेज की राशि के साथ एक संदेश भी आता है, जो असल में एक व्यंग्य है। उदाहरण के तौर पर, जब एक बेरोजगार युवक इस साइट पर अपनी डिटेल भरता है तो उसे यह जवाब मिलता है.. 
 
किसने बनाई यह वेबसाइट?
इस वेबसाइट को तनुल ठाकुर ने 8 साल पहले बनाया था। तनुल एक जर्नलिस्ट हैं। उनके अनुसार यह साइट दहेज प्रथा के ऊपर एक व्यंग है और वेबसाइट पर दिए गए पैरामीटर्स पर क्लिक करके देखने पर ही पता चल जाता कि साइट दहेज को सपोर्ट नहीं करती। जैसे, रंग के ऑप्शन में एक पिच ब्लैक है जिसके साथ लिखा है जो बिना चांद वाली रात में दिखाई ना दे, और दूसरा गेहुआ जिसमें लिखा है कि गोरा होने के लिए फेयर एंड लवली की जरूरत पड़ेगी। 
 
इस वेबसाइट पर कार्रवाई करने के लिए जब सिंधिया के ट्वीट किया, तो तनुल ने जवाब देते हुए लिखा- ‘शांत हो जाइए, यह सिर्फ एक व्यंग है। लेकिन वेबसाइट को ट्रैफिक दिलवाने के लिए धन्यवाद’।

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