प्रीतीश नंदी ने दिखाया स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का ‘चाइनीज’ चेहरा, जानिए क्या है वायरल तस्वीर का सच..

मंगलवार, 11 दिसंबर 2018 (14:57 IST)
वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रीतीश नंदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की एक प्रतिमा की तस्वीर ट्वीट कर दावा किया कि हाल ही में गुजरात में लौह पुरुष की जिस प्रतिमा का उद्घाटन किया गया है, वह उनके जैसी नहीं दिखती। नंदी ने यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- सरदार पटेल की प्रतिमा इतनी ऊंची है कि आप शायद ही कभी उसका चेहरा देख सकें। लेकिन यदि आपने यह किया तो आपको पता चलेगा कि प्रतिमा में बनाया गया चेहरा पटेल के असली चेहरे से बिलकुल भी मेल नहीं खाता है’।

जो तस्वीर नंदी ने शेयर किया है, उसमें दावा किया गया कि पटेल की प्रतिमा ‘चीनी स्टाइल’ में बनाई गई है और जब चीनी मजदूर ऐसे प्रॉजेक्ट्स पर काम करते हैं तो ऐसा ही होता है।

The statue of Sardar Patel is so tall that you can hardly see his face. If you did you will notice there is no resemblance to the real man. pic.twitter.com/G53rznNd0a

— Pritish Nandy (@PritishNandy) December 9, 2018


सच्चाई क्या है?

नंदी द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर को हमने रिवर्स इमेज सर्च किया, तो हमें स्टॉक इमेज साइट Getty Images पर वह तस्वीर मिल गई। असली तस्वीर 31 अक्टूबर, 2008 को खींची गई थी, जो गांधीनगर में मौजूद पटेल की मूर्ति की है। इस प्रतिमा को प्रसिद्ध भारतीय मूर्तिकार जशूबेन शिल्पी ने बनाई थी। इस तस्वीर को AFP के फोटोग्राफर सैम पैंथकी ने उस वक्त खींची थी, जब शिल्पी इस प्रतिमा को फिनिशिंग टच देने में लगी हुई थीं।

देखिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की असली प्रतिमा और नंदी द्वारा शेयर की गई प्रतिमा की तस्वीरें-

अब आपको यह जानकर और भी हैरानी होगी कि बहुत से यूजर्स भी नंदी को यह बता चुके हैं कि वह फर्जी जानकारी फैला रहे हैं, लेकिन नंदी अब भी खुद को तथ्यात्मक रूप से सही ठहरा रहे हैं।

नंदी ने अपने बचाव में ‘आउटलुक’ मैगजीन का हवाला दिया जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

जब हमने आउटलुक की वेबसाइट खंगाला, तो हमें एक आर्टिकल मिला जिसका शीर्षक था- ‘How Is The Fake News Factory Structured?’।

मैगजीन ने इस तस्वीर का इस्तेमाल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के उद्घाटन के दौरान वायरल हुए फेक पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट के तौर पर किया था और कैप्शन लिखा था- राहुल गांधी के सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को मेड इन चाइना बताने के बाद कांग्रेस के लोग सरदार पटेल की 2008 में बनी प्रतिमा की पुरानी तस्वीरें सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं

यह स्पष्ट है कि आउटलुक ने इस तस्वीर का इस्तेमाल यह बताने के लिए किया था कि सोशल मीडिया पर कैसे फर्जी खबरें फैलाई जाती हैं।

हमारी पड़ताल में हमने पाया है कि प्रीतीश नंदी ने जिस प्रतिमा की तस्वीर ट्वीट की है, वह 10 साल पुरानी है। यह तस्वीर गुजरात के गांधीनगर में मौजूद दूसरी प्रतिमा की है न कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी