भारत के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है। दिल्ली के शाहीन बाग में इस कानून के विरोध में धरने पर बैठी महिलाओं को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार दावे किए जा रहे हैं कि प्रदर्शनकारियों को पैसे देकर लाया जा रहा है। इन्हीं दावों के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें एक बुर्का पहनी महिला यह कबूल करते हुए दिख रही है कि मुस्लिम महिलाओं को 500 रुपए देकर प्रदर्शन करने के लिए लाया जाता है, लेकिन अब उन्हें ज्यादा पैसे चाहिए।
क्या है सच-
वायरल वीडियो पर 'लखनऊ के घंटाघर पे विरोध प्रदर्शन जारी' लिखा हुआ है। इसलिए हमने इस वीडियो को यूट्यूब पर अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया, तो हमें ‘SARKARI KHABAR मो फिरोज आलम’ नामक एक यूट्यूब चैनल द्वारा अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसका शीर्षक है- ‘NRC के खिलाफ आंदोलन करने पर लखनऊ घंटाघर के पास प्रदर्शन कर रही महिलाओं के वॉशरूम को बंद कर दिया गया’। वायरल वीडियो इसी वीडियो का हिस्सा है।
वीडियो में आप सुन सकते हैं कि एक शख्स लखनऊ की घंटाघर में प्रदर्शन कर रही एक महिला को पूछ रहा है- कल वसीम रिजवी ने एक वीडियो रिलीज की है जिसमे उन्होंने यहां की महिलाओं पर बहुत संगीन इल्ज़ाम लगाएं हैं, उसके ऊपर आपका क्या कहना है?
इसके जवाब में महिला कहती है, “उन्होंने ये बोला है कि औरतों को यहां बुलाया जा रहा है, 500 रुपए देकर के और खाने के लिए, बिरियानी के लिए Mainly बिरियानी के लिए, औरतों को यहां 500 रुपए में बुलाया जा रहा है। यहां पे रुकने के लिए। अब आप ये बात बताइए कि 500 रुपए में क्या होता है आजकल? औरतें अपना घर छोड़कर, अपने बच्चे, अपना हसबंड, अपनी मम्मी-पापा, अपनी पढाई, सब छोड़कर वो 500 रूपए के लिए यहां आएंगी, उससे ज्यादा एक मुस्लिम महिला एक साल में जकात दे देती है। 500 रुपए की क्या एहमियत है! जब वो लाखों रुपए में हजारों रुपए में जकात दे रही है, तो वो 500 रुपए के लिए यहां क्यों आएंगी? आप ही मुझे बताइए?”