एक और तो प्रधानमंत्री मोदी लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील कर रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा की रैलियों में ही लोग ही उनकी बात मानने को तैयार नहीं है। कोरोना वायरस का फिलहाल कोई इलाज नहीं है, बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन का काम जोरों से चल रहा है, पर इसका असर तुरंत नहीं होता। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि सावधानी ही इलाज है।
पुरुलिया से सामने आई पीएम मोदी की रैली की तस्वीरें कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में देश को काफी पीछे धकेल सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही चुनाव आयोग को भी इस मामले को संज्ञान लेना चाहिए और बड़ी रैलियों को अनुमति देने पर विचार करना चाहिए। किसी भी राजनीतिक दल को कोरोना काल में बड़े आयोजनों से बचना चाहिए।
बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई थी। उन्होंने राज्यों से इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए तीव्र और निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा था कि लोग अगर मास्क नहीं लगाते और लापरवाही दिखाते हैं तो कोरोना से जंग में जो सफलता मिली है वह खत्म हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामलों के फिर तेजी आई है। बुधवार को 35,871 नए मामले सामने आए, अब तक संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ 14 लाख 74 हजार से अधिक हो गई। इस बीच देश में अब तक 3 करोड़ 71 लाख 43 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। पिछले 24 घंटे के दौरान सक्रिय मामले 17,958 से बढ़े हैं।