डांस करना सीखें

- राजश्री कासलीवाल
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डांस देखना सबको बहुत अच्छा लगता है, परंतु अच्छा डांस करना उतना ही मुश्किल काम है। ऐसे में अगर आप खुद को जमाने के सामने साबित करना चाहते हैं तो पूरे तन-मन से इस काम में जुट जाइए और सी‍‍‍ख लीजिए परफेक्ट डांस।

घर में कोई भी विवाह समारोह हो या बर्थ डे पार्टी, बिना डांस के सबकुछ फीका-फीका सा लगता है। किसी भी शुभ कार्य में डांस, नृत्य करना शुभ माना जाता है। ऐसे में अगर आप डांस की तमाम विविधताएं सीख लेते हैं तो आप भी हर किसी के दिलो-दिमाग में छा सकते हैं।

वैसे तो डांस सभी को बहुत अच्छा लगता है, लेकिन यह एक ऐसी कला है जो देखने में सरल लगती है लेकिन असल में बहुत कठिन होती है। जिसमें अपने मनोभावों को अभिव्यक्त किया जाता है। डांस मतलब केवल हाथ-पांव चलाना या हाथ-पांव इधर-उधर घुमाना ही नहीं है, बल्कि सही तरीके से, सही सलीके से, सही मनोभावों के साथ उसे अभिव्यक्त करना ही डांस का असली उद्देश्य होता है।

भारतीय धर्मों में नृत्य का महत्व पौराणिक काल से रहा है। डांस (नृत्य) को प्रमुख रूप से शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य में विभाजित किया जा सकता है। लेकिन आजकल यह केवल मनोरंजन का साधन बनकर रह गया है। वर्तमान में डांस के प्रति बढ़ते क्रेज ने इसे पैसा कमाने का जरिया बना दिया है। कई टीवी चैनलों और फिल्म इंडस्ट्री ने इसको काफी बढ़ावा दिया, इस वजह से हर कोई बड़े-बड़े कोरियोग्राफर से डांस सीखकर फिल्म इंडस्ट्री में अपने पैर जमाने चाहते हैं। किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत नृत्य से ही की जाती है। आज इसका महत्व इतना बढ़ गया है कि इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर किया जाता है।

इसमें सबसे ज्यादा ध्यान रखने योग्य बात यह है कि आप डांस के प्रति जितना ज्यादा समर्पित होंगे, जीवन में उतनी ही ऊंचाइयां प्राप्त कर सकते हैं। डांस की दुनिया में कदम रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। आपका इस कला के प्रति पूर्णतया आत्मविश्वास, लगन और समर्पण होना बहुत जरूरी है। आपको अपने गुरु का सम्मान करना आना चाहिए। गुरु जैसे-जैसे डांस स्टेप्‍स ‍बताते है उसकी हूबहू नकल करने की क्षमता का होना बहुत जरूरी है। साथ ही इशारों का अर्थ भी समझने की क्षमता और तत्परता का होना जरूरी होता है।

वैसे डांस में करियर बनाना भी आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। जो किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा कोर्स करके स्वयं की डांसिंग क्लासेस चलाकर अच्छा पैसा कमाने का जरिया भी बना सकते है। डांस कोर्स के प्रमुख इंस्टिट्यूट इस प्रकार हैं-
* माधवी स्‍कूल ऑफ डांस, जमशेदपुर, * डांस जोन प्राइवेट लिमिटेड, दिल्‍ली, * श्‍यामक डावर सालसा डांस कंपनी, मुंबई, * गंधर्व महाविद्यालय, नई दिल्‍ली, * यूनिवर्सिटी ऑफ मैसूर, * कत्‍थक केंद्र, दिल्‍ली, * जेनिथ डांस ग्रुप एंड इंस्‍टीटयूट, पटना, * कॉलेज ऑफ म्‍यूजिक एंड फाइन आर्ट्‍स, रांची।

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डांस के प्रमुख स्टेप्स :-
देशी लोक नृत्य :- यह एक ऐसा लोक नृत्य है जिसे सभी उम्र के महिला-पुरुषों द्वारा सामाजिक तौर पर किया जाता है। जिसे विशेष रूप से मध्य पूर्वी देशों में शादी-ब्याह जैसे समारोहों के मौकों पर किया जाता है।

कैबरे डांस :- एक ऐसा नृत्य जो दुनिया भर के रेस्तरां और कैबरे में किया जाता है। जो पश्चिमी देशों के लोगों में कहीं अधिक जाना जाता है। सामान्यतः महिला नर्तकियों द्वारा इसका प्रदर्शन किया जाता है।

टैप डांस : यह एक थपथपहाट नृत्य है। एक ऐसी विधा है जिसमें डांस करने वाले के जूतों को वाद्य यंत्र के रूप में उपयोग करते हुए फर्श पर थपथपाहट कर इस नृत्य की ओर ध्यानाकर्षण करने पर जोर दिया जाता है। टैप नृत्य में रिदम (लयबद्ध) और ब्रॉडवे टैप दो प्रकारों से किया जाता है। जहां रिदम टैप में संगीत की तरफ ज्यादा ध्यान दिया जाता है और ब्रॉडवे टैप में नृत्य की तरफ ज्यादा ध्यान दिया जाता है।

बेली डांस :- इस नृत्य में शरीर का हर हिस्सा हरकत करता नजर आता है। जिसमें कमर, कंधे, छाती, पेट आदि को अलग दिखाना जरूरी होता है। यहां डांस में कूल्हे का उपयोग आमतौर पर सबसे अधिक किया जाता है। कूल्हों या छाती का गोल-गोल या अदल-बदल कर घुमाने के अंदाज दिखाई देना जरूर‍ी होता है।

वैसे बेली डांस को परंपरागत रूप से मध्य पूर्वी या अरबी नृत्य कहा जाता है। इसमें देश और क्षेत्र के आधार पर पोशाक और नृत्य शैली अलग-अलग रूपों में होता है।

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