दिसंबर के अंतिम दिन हैं और क्रिसमस का खुमार है। जाते हुए साल को विदा कहने और नए साल के स्वागत का मौसम। ऐसे में भारत समेत दुनियाभर में न्यू ईयर का सेलिब्रेशन पिछले कुछ सालों में लगातार बदलता जा रहा है। दरअसल, न्यू ईयर को सेलिब्रेट करने का हर शख्स का अपना तरीका है। भारत में जहां नए साल की शुरुआत परिवार के साथ, मंदिरों में दर्शन और सोशल गेदरिंग से की जाती है तो वहीं पश्चिमी सभ्यता में पार्टीआउट, नाइटआउट, क्लब, डिस्को और परंपरागत तरीके से चर्च में भी मनाया जाता है। आइए जानते हैं न्यू ईयर सेलिब्रेशन के कुछ बेहतरीन तरीके।
अकेले और आलसी हैं तो
अगर आप थोड़े आलसी हैं और नए साल का जश्न मनाने के लिए किसी भी तरह की तैयारी करने से बचना चाहते हैं तो अपनी पसंद के हिसाब से पिज्जा या केक ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। घर पर अपने दोस्तों या प्रियजनों के साथ पिज्जा और केक के साथ कोल्ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक ली जा सकती है। इस तरीके से आप न्यू ईयर को सेलिब्रेट कर सकते हैं।
हाउस पार्टी
नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए आजकल हाउस पार्टी का चलन है। इसमें नए साल के एक दिन पहले की शाम को अपने दोस्तों और करीबियों को इनवाइट किया जाता है। एक गेदरिंग के तहत प्लानिंग होती है और मैन्यू तैयार किया जाता है। इसमें केक और स्पेशल डिनर तैयार कर खास लोगों के साथ मॉकटेल का आनंद लिया जाता है। आजकल बाहर से ऑर्डर करने का चलन है, ऐसे में खाना बनाने की झंझट से भी बचा जा सकता है।
परिवार के साथ
तेजी से बदलते वक्त में ज्यादातर लोग अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं, ऐसे में नए साल का स्वागत अपने लोगों के साथ भी किया जा सकता है। 31 दिसंबर का दिन अपने परिवार वालों को समर्पित करें। साथ में फिल्म देखी जा सकती है, कैक काटा जा सकता है। घर पर पारंपरिक भोजन बनाया जा सकता है, माता-पिता और भाई-बहनों के साथ पुराने दिनों को याद कर नए साल का स्वागत किया जा सकता है।
संकल्प पूरे न हो, सूची तो बनाएं
नए साल पर हर कोई नए संकल्प लेना चाहता है। हालांकि इस पर कितना खरा उतरा जाता है, इसकी कोई गारंटी नहीं है, फिर भी अपनी गलत आदतों को छोडकर एक नया संकल्प तैयार करने से नई ऊर्जा और उत्साह तो मिल ही सकता है। सूची बनाकर तय कर सकते हैं कि नए साल में क्या करेंगे और क्या नहीं। अपने टारगेट तय कर उन पर फोकस करें और उन्हें अचीव करने का प्रयास किया जा सकता है।
क्यों न ऐसे करें सेलिब्रेट
दोस्त, परिवार और अपनों के साथ तो सभी सेलिब्रेट करते ही हैं, लेकिन बेहतर हो इस दिन किसी गरीब, बेघर, बच्चे, अनाथालय में रहने वाले बुजुर्गों के साथ एंजॉय कर सकें तो। इस दिन एक प्लान के मुताबिक किसी बस्ती, अनाथालय और फुटपाथों व सडक पर रहने वालों के साथ वक्त बिताया जा सकता है। उन्हें उपहार और भोजन दिया जा सकता है। दिसंबर ठंड का महीना होता है, ऐसे में कई बेघरों के गर्म कपड़े नहीं होते हैं, उन्हें ठंडी रातों में फुटपाथ पर रहना पड़ता है, ऐसे में अपनी क्षमतानुसार उन्हें जरुरत का सामान दिया जा सकता है।