आज भी कई स्थानों पर गर्भ में पल रही बच्चियों को जन्म से पूर्व ही मार दिया जाता है तथा दुनिया बढ़ रहे बालिकाओं के प्रति अपराध, कम उम्र में उनका शोषण और उनके स्वास्थ्य तथा बालिकाओं के लिए समाज में एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित इस दिन किए जाते हैं। इस दिन 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सेव द गर्ल चाइल्ड' पर बातों पर जोर दिया जाता है। बालिकाओं के लिए रियायती या मुफ्त शिक्षा, कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों में आरक्षण, उनकी सहायता करना और रोजगार के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करना है। अत: इन्हीं खास बातों पर लोगों का ध्यान बंटाना भी इस दिन का विशेष उद्देश्य है।