Ayesha Case A Different Angle : आयशा, तुम बखेड़ा क्यों खड़ा कर गई?

आयशा तुमने कहा ,प्यार एकतरफा नहीं होना चाहिए। मैं तो कहती हूं, हर बार एक तरफा ही हो और हर बार उंगलियां खुद की ओर उठी हों। सबसे ज्यादा प्यार खुद से करो। अपने शरीर पर,मन पर जरा सी आंच भी सहन न करो। जो अपने आप से बेइंतहा प्यार करते हैं, वे हर कीमत पर,हर स्थिति में जीना जानते हैं।

आयशा, तुम्हारा वीडियो वायरल नहीं होना चाहिए था। चाहे सबको तुमसे सहानुभूति हो पर मुझे वीडियो देखने के बाद तुमसे कोई सहानुभूति नहीं रही। रोज़ चुपचाप हजारों आयशाएं दम तोड़ती हैं इस देश में। पड़ोसी तक को खबर नहीं होती। जीना नहीं था तो तुम भी निकल जाती इसी तरह। तुमने अंतिम समय में बात मानी भी तो उसकी, जिसने तुम्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया। तिल-तिल करके तुम्हारी जिंदगी से रस को सुखाया। तुम्हारी खुशियों का गला घोंटा। कैसी थी तुम? जो उसके कहे अनुसार जीती रही, मरना तक? 
वीडियो देखकर लगा,बहुत विरोधाभास हैं तुम्हारे विचारों में। तुमने ही कहा अच्छे माता-पिता मिले,अच्छे दोस्त मिले।  तो उन अच्छों के साथ तुमने जीना क्यों न चाहा ?
 
 मैं नहीं जानती तुमने किस किससे मदद मांगी थी या किससे दर्द साझा किया था। हो सकता है कहने के बाद वे कोई हल सुझा न पाएं हों। पर तुम्हारे शौहर की तरह आत्महत्या का मशवरा तो किसी ने नहीं दिया होगा। 
तुम्हें वीडियो बनाना था और वायरल भी करना था, पर जिंदा रहकर देखना भी था कि देश में कितने लोग हैं जो तुम्हें सही राह दिखाने को, प्यार देने को, आत्मनिर्भर बनाने को,जीना सिखाने को आगे आते हैं। 
आयशा तुमने कहा ,प्यार एकतरफा नहीं होना चाहिए। 
 
मैं तो कहती हूं, हर बार एक तरफा ही हो और हर बार उंगलियां खुद की ओर उठी हों। सबसे ज्यादा प्यार खुद से करो। अपने शरीर पर,मन पर जरा सी आंच भी सहन न करो। जो अपने आप से बेइंतहा प्यार करते हैं, वे हर कीमत पर,हर स्थिति में जीना जानते हैं। हमारी अपेक्षाएं ही सबसे बड़ी दुश्मन हैं। जीवनसाथी बनते हैं तो अपेक्षाएं होना लाज़िमी भी हैं। पर यदि कोई आपकी अपेक्षाओं पर खरा न उतरे तो दु:ख कैसा ?  
 
खुद को खुश करने के लिए कर जाओ वह सब कुछ, जो दूसरे से चाहा। सच,उसका आनंद भी अनूठा होता है।
तुमने जाहिर कर दिया कि तुम्हें माता-पिता और दोस्तों पर तो भरोसा नहीं था। क्या देश के कानून पर भी नहीं था ? एक बार आवाज़ उठाकर देखती तो सही। हर बार वार खाली जाए, ऐसा होता तो नहीं।
 
तुम्हारा शौहर चाहता था कि तुम वीडियो बनाओ और उसे बाइज्ज़त बरी कर दो। पर ऐसा होगा नहीं न ! 
 
वीडियो न बनाती तो शायद वह कम चर्चा में आता। अब तो बदनामी और सज़ा के साथ जीने का पूरा इंतजाम हो गया। सारी जिंदगी कोसता रहेगा, उस दिन को जब उसने यह आयडिया दिया होगा। 
 
 कितनी आसानी से कह दिया कि ज्यादा बखेड़ा मत खड़ा करना। और जो तुमने बखेड़ा कर दिया उसका क्या ? देश भर में तुम्हारी बातें हो रही हैं। 
 
किसी को सहानुभूति है,किसी को दर्द और किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। आयशाएं आएं या जाएं। 
 
पर हां, मुझे लगा कि तुम्हारा वीडियो देखने कुछ बाद लड़कियों को खुद को देखने का नजरिया बदलना चाहिए। जीना, जिंदगी की सबसे अहम् प्राथमिकता हो। हर हाल में जीना है,हर स्थिति में जीना है। 
 
और जीने के लिए सब छोड़ने के लिए तैयार रहो। वह स्थिति, वह स्थान या वह व्यक्ति जिससे तुम एक तरफा प्यार करते हो। जीयो, के जिंदगी जीने के लिए मिली है।

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