राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से 2022 में कांग्रेस को दिखाई दी 2023 के लिए उम्मीदों की किरण

विकास सिंह

शनिवार, 24 दिसंबर 2022 (18:45 IST)
देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी कांग्रेस के लिए 2022 एक ऐसा साल रहा है जहां से उसे 2023 के साथ अपनी भविष्य की सिसायत के लिए एक नई उम्मीद की किरण भी दिखाई दे रही है। साल 2022 में जहां एक ओर 24 साल बाद कांग्रेस को गांधी परिवार के बाहर का एक नया अध्यक्ष मिला तो दूसरी ओर पार्टी को साल के अपने आखिरी सियासी कार्यक्रम में दिल्ली में भारत जोड़ो यात्रा में उमड़े जनसैलाब ने कांग्रेस के लिए भविष्य की  सियासत के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगा दी। यू कहें कांग्रेस ने भले ही 2022 में गांधी परिवार के बाहर अपना अध्यक्ष चुना लेकिन पार्टी गांधी परिवार के सहारे ही अपनी सियासी जमीन तलाशती हुई दिखाई दी।

मोदी के खिलाफ सीधा शंखनाद?-2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ राहुल गांधी के एक चेहरे के रूप में स्थापित करने के लिए कन्याकुमारी से शुरु की गई भारत जोड़ो यात्रा 108 दिन में 2800 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद जब दिल्ली पहुंचीं तो राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला कर 2024 की सियासी लड़ाई का शंखनाद कर दिया।

दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले पर हुई सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा ने उनकी छवि खराब करने के लिए करोड़ो रूपए लगा दिए। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक जानबूझकर छवि खराब की गई। राहुल गांधी ने कहा कि एक महीने में सच सामने आ गया। राहुल गांधी का यह बयान सीधे प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी की चेहरे की लोकप्रियता को चुनौती के रूप में माना जा रहा है। 

दरअसल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद दिल्ली में पहली बार राहुल गाधी की अगुवाई में कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के बहाने अपना इतना बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। दिल्ली में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उमड़े जनसैलाब से उत्साहित राहुल गांधी ने कहा कि वह नफरत की बाजार में मोहब्बत का दुकान खोलने आया हूं। राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में चारों ओर नफरत का माहौल फैलाया जा रहा है और इसमें मीडिया का एक टूल के रूप में उपयोग हो रहा है।

लालकिले पर हुई जनसभा में राहुल गांधी ने देश में महंगाई, युवाओं के रोजगार के साथ जीएसटी और नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। राहुल ने कहा कि देश में मोदी की नहीं अंबानी और अंडानी की सरकार है। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को आज कंट्रोल किया जा रहा है और वह देश को संभाल नहीं पा रहे है। इसके साथ राहुल ने कहा कि धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा 24 घंटे डर फैलाने की राजनीति करते हुए दिखाई देती है।  

विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश-2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी को मोदी के खिलाफ एक चेहरे के रूप में स्थापित करने के मकसद से निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा में दिल्ली में विपक्ष के कई नेता भी चेहरे शामिल हुए। दक्षिण के सुपरस्टार कमल हासन ने भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर दक्षिण की सियासत के लिए एक नया सियासी संदेश भी दे दिया।

2024 के लोकसभा चुनाव में अगर विपक्ष को मोदी के चेहरे को चुनौती देनी है तो शक्तिशाली क्षेत्रीय पार्टियों और उनके नेताओं को एक मंच पर आना ही होगा और यह जिम्मेदारी कांग्रेस दिल्ली में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के जरिए निभाने की कोशिश में करती हुई दिखाई दी। भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण में कन्याकुमारी से लेकर दिल्ली तक की यात्रा में कई क्षेत्रीय सियासी दलों के साथ समाज के अलग-अलग क्षेत्रों से नामचीन हस्तियों का शामिल होना भी राहुल को इमेज बिल्डिंग के तौर पर देखा जा रहा है।

भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ते लोगों के हुजूम से राहुल गांधी के हौंसले बुलंद है लेकिन गुजरात चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार ने कही न कही राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी के प्रति सोच पर भी सवाल उठा दिया। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के कड़ी टक्कर देने वाली कांग्रेस की बुरी हार के लिए राहुल गांधी समेत कांग्रेस हाईकमान को सीधे जिम्मेदार ठहराया गया। हलांकि हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल कर गुजरात की हार को कवर अप करने की कोशिश की।

अध्यक्ष चुनाव एक तीर से कई निशाने?-2022 में कांग्रेस ने 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष चुनकर एक तीर से कई  निशाने साध लिए। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से साफ इंकार और कांग्रेस में नए अध्यक्ष के चुनाव की लगातार बढ़ती मांगं के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का पद का चुनाव काफी गहमागहमी के बीच हुआ। पार्टी में लंबे समय से गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को नेतृत्व देने की मांग के बाद अध्यक्ष पद का चुनाव कराया गया। अध्यक्ष पद के कई दावेदारों के बीच आखिरी में मुकाबला गांधी परिवार के विश्वस्त माने जाने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच हुआ। चुनाव में शशि थरूर की एक तरफा जीत हुई और इस तरह कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर अध्यक्ष मिला। कांग्रेस को नया अध्य़क्ष मिलने के साथ कांग्रेस में G-23 का गुट भी खत्म हो गया औऱ पार्टी एक सूत्र में बंधी नजर आई।

वहीं 2022 में भी कांग्रेस को अपने क्षेत्रीय क्षत्रपों की गुटबाजी से जूझना पड़ा। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की आपसी लड़ाई सड़क पर आ गई। साल खत्म होने तक भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के साथ कदमताल कर दोनों के बीच खाई को पाटने की कोशिश की लेकिन कांग्रेस की असली परीक्षा 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में होगी।

राहुल की लोकप्रियता का 2023 में लिटमस टेस्ट-2023 में देश के 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव राहुल गांधी और कांग्रेस के सामने असली चुनौती है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए उस लिटमस टेस्ट की तरह है जिसका रिजल्ट कांग्रेस की भविष्य का राजनीति तय करने के साथ राहुल गांधी के सियासी भविष्य का भी नया अध्याय लिखेगा। कर्नाटक के साथ मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ऐसे राज्य है जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने है और इन प्रदेशों के चुनाव परिणाम भारत जोड़ो यात्रा के असर को वोट की कसौटी पर तय करेंगे।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में लोगों में उमड़ रहे हुजूम से कांग्रेस गदगद और उत्साहित है। राहुल गांधी फरवरी और मार्च में जब भारत जोड़ो यात्रा का समापन कश्मीर में करेंगे तब लोकसभा चुनाव में एक वर्ष का समय शेष बचेगा और देखना होगा कि राहुल गांधी अपने बदली छवि के साथ कांग्रेस को फिर से खड़ा कर उसकी खोई हुई जमीन को तलाश कर पाएंगे? 

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