'सूर्य नमस्कार' का नाम और कुछ भी हो सकता था, जैसे कि सर्वांग योगासन या षाष्टांग योग। दरअसल, 'सूर्य नमस्कार' में योग के सभी प्रमुख आसनों का समावेश हो जाता है। यह सभी आसनों का एक पैकेज है। व्यक्ति यदि सभी आसन न करते हुए मात्र 'सूर्य नमस्कार' ही करता रहे तो वह संपूर्ण आसनों का लाभ प्राप्त कर सकता है, क्योंकि 'सूर्य नमस्कार' करते वक्त ताड़ासन, अर्धचक्रासन, पादहस्तासन, आंजनेय आसन, प्रसरणासन, द्विपाद प्रसरणासन, भू-धरासन, अष्टांग, प्रविधातासन तथा भुजंगासन आदि सभी आसनों का समावेश हो जाता है।