विपश्यना ध्यान हमारे मन के विकारों को कम करता है या उन्हें जड़ से निकाल देता है। मन के विकार जैसे क्रोध, घृणा, डर, द्वेष इत्यादि का हमारी कार्यकुशलता पर अत्याधिक प्रभाव पड़ता है। ये मनोविकार हमारी कार्यकुशलता घटा देते हैं।
कार्यकुशलता घटती है तो जहां हम काम करते है वहां हमारी जरूरत नहीं बचती है। इस तरह से जीवन में तनाव बढ़ते हैं। तनाव बढ़ते हैं तो तनाव जनित रोगों (हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा, रागद्वेष, माइग्रेन, डर, असुरक्षा की भावना इत्यादि) से हम घिरने लगते हैं।
सचमुच यह एक दुर्लभ अवसर है।
रतलाम विपश्यना केंद्र पर आगामी 10 दिवसीय आवासीय शिविर 4 मार्च से 15 मार्च 2018 तक आयोजित है।
इस शिविर में भाग लेने के लिए आप www.rata.dhamma.org पर लॉगऑन करके स्थान बुक कर सकते हैं या इस फोन नम्बर 9827532759 (डॉक्टर रवि दिवेकर ), 9827794120 (डॉक्टर रश्मि दिवेकर) पर भी बात करके स्थान सुरक्षित कर सकते हैं।