अग्नि मुद्रा विधि- अग्नि मुद्रा को दो तरीके से करना बताया जाता है।
1.अपने दोनों हाथों के अंगूठों को आपस में एकसाथ मिलाने से अग्निमुद्रा बनती है। इस स्थिति में हाथों की बाकी सारी अंगुलियां खुली होनी चाहिए।
अग्नि मुद्रा के लाभ- अग्नि मुद्रा को करने से जहां मोटापा नियंत्रित रहता है, वहीं इससे खांसी, बलगम, नजला, पुराना जुकाम, श्वांस रोग और निमोनिया रोग आदि रोग दूर हो जाते हैं तथा इससे शरीर में अग्नि की मात्रा तेज हो जाती है।
अग्निशक्ति मुद्रा विधि- इस मुद्रा को करने के भी अगल-अलग तरीके हैं।
1.अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को हथेली से लगाने से और दोनों हाथों के अंगूठों को आपस में जोड़ने से अग्निशक्ति मुद्रा बनती है।