कैसे मिटाएं चेहरे की झुर्रियां, जानिए

मंगलवार, 10 जून 2014 (15:47 IST)
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तनाव, प्रदूषण या बढ़ती उम्र के कारण चेहरे पर झुर्रियां, झाइयां और कालापन छाने लगता है। किशोर वर्ग मुंहासे, फुंसियां आदि के कारण परेशान रहते हैं। यह स्थिति पर्सनैलिटी को अट्रैक्टिव नहीं रहने देती। यहां प्रस्तुत है चमकदार चेहरे के लिए कुछ योगा टिप्स।

स्टेप 1- पहले सावधान मुद्रा में खड़े होकर फिर पैरों को 1 फुट की दूरी पर फैला लें। चेहरे को हथेलियों से ढंक लें और 10 बार तेज गहरी श्वास लें। इसके बाद चेहरे, आंखों और माथे को हल्के-हल्के 2 मिनट तक अंगुलियों से रगड़ें।

स्टेप 2- मुंह से लंबी श्वास खींचें और 1 मिनट के लिए अंदर ही रोकें, फिर हवा को धीरे-धीरे नाक से बाहर निकाल दें। इस क्रिया को कम से कम 5 बार करें।

स्टेप 3- आंखों के लिए जीभ को यथासंभव बाहर निकालकर आंखों को लगभग 1 मिनट तक जितना हो सके, फैलाने का प्रयास करें। इससे आंखों के नीचे की झुर्रियां हटती हैं और आंख संबंधी परेशानी दूर होती है।

स्टेप 4- झुर्रियां मिटाने में योग की कपोल शक्ति विकासक विधि कारगर है। इसके लिए पहले दोनों हाथों की अंगुलियों के अग्र भाग को आपस में मिलाते हैं, फिर दोनों अंगूठों से नाक के दोनों छेद को बंद कर लेते हैं। इस दौरान दोनों कोहनियों को कंधों की सीध में रखें।

अब मुंह को चोंच की तरह बनाते हुए श्वास लेते हैं और गाल फुलाते हैं और ठोड़ी को छाती की ओर दबाते हैं। इस दौरान छोटी अंगुली छाती से स्पर्श रहेगी। फिर कुछ पल के लिए आंखें बंद करते हुए इस स्थिति में 5 सेकंड श्वास रोककर रह सकते हैं।

फिर आंखें खोलते हुए गर्दन सीधी करते हैं। अंगूठों को नाक से हटाकर श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकाल देते हैं। इस क्रिया को 5 बार दोहरा सकते हैं।

इसके लाभ : उक्त क्रिया के अभ्यास से पिचके हुए गाल भर जाते हैं। झाइयां और आंखों के नीचे का कालापन दूर होता है। गाल पर होने वाले मुंहासे, फुंसियां आदि का निकलना बंद हो जाता है और गाल पर लाली छा जाती है। चेहरे की ग्लोइंग एंड सॉफ्ट स्किन हो जाती है।

आप चाहें तो कुंजल क्रिया, जलनेति, योग मुद्रा, विपरीत करणी, सर्वांगासन, हलासन, मत्स्येन्द्रासन, सुप्त कटि चक्रासन, सुप्त कोणासन, पश्चिमोत्तानासन और उत्तान पादासन कर सकते हैं। उपरोक्त सभी कुछ किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें।

योगा पैकेज : सबसे पहले तनाव को दूर रखते हुए अच्छा फील करें। मसालेदार भोजन छोड़कर भोजन को शुद्ध प्रोटीनयुक्त तथा सात्विक बनाएं। सलाद का उपयोग ज्यादा करें। नेगेटिव सोच को स्वयं पर हावी न होने दें। प्राणायाम, मौन और ध्यान का नियमित अभ्यास करें।

-शतायु

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