दंडासन में बैठकर दोनों हथेलियां भूमि पर टिकाएं फिर घुटनों को मोड़कर पगथलियों को भूमि पर जमाएं। उसके बाद पूरे धड़ को ऊपर उठा दें। कुछ सेकंड रुकने के बाद पुन: दंडासन में बैठ जाएं। ऐसा सुविधानुसार 7, 14 या 21 बार करें।
आसन लाभ : इस आसन के कई लाभ हैं। इससे कलाइयां, भुजाएं, कंधे, पीठ और रीढ़ को मजबूती मिलती है। पैरों व कूल्हों का व्यायाम भी हो जाता है। स्वसन प्रक्रिया में सुधार करता है। हृदय के लिए भी यह आसन लाभ दायक है। यह आंतों और उदर के अंगों में खिंचाव पैदा करता है इससे वे मजबूत बनती हैं। गर्दन की कसरत होने के कारर यह थायरॉइड ग्रंथी को भी उत्तेजित करता है।