कहने को तो हम सब हिन्दुस्तानी हैं और हमारी मातृभाषा भी हिन्दी ही है, पर हमसे से कितनों को ठीक तरह से हिन्दी आती है, यह सोचने का विषय है। बदलती शिक्षा पद्धति में भी हिन्दी काफी पिछड़ गई है। स्कूल से लेकर कॉलेज तक में अंग्रेजी में ही पढ़ाई होती है। कोर्स की तमाम किताबें भी अंग्रेजी में ही हैं। ऐसे में अलग से हिन्दी पढ़ने की फुरसत भला किसे है। अब जब हिन्दी से ही इतनी दूरी है तो हिन्दी साहित्य के बारे में क्या कहा जाए। आप तो इस बार का बत्ती गुल पढ़िए।
प्रश्न : हाल ही में हिन्दी के किस प्रसिद्ध साहित्यकार का देहांत हुआ? ऑप्शन - श्रीलाल शुक्ल, हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, रामचंद्र शुक्ल
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एमबी खालसा कॉलेज के कैम्पस में हमें मिली प्रियंका इतिया व निकिता बेरूलकर। ये दोनों एमएससी की विद्यार्थी हैं। प्रियंका आप जवाब बताएँ। शरद जोशी होना चाहिए। यह नाम कुछ सुना हुआ लग रहा है। वैसे दसवी-बारहवीं तक ही हिन्दी पढ़ी थी। अब तो हिन्दी का ज्यादा यूज भी नहीं होता। खैर, आपकी बत्ती गुल।
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नितिन महाजन आपको इस प्रश्न का उत्तर पता है। श्रीलाल शुक्ल का देहांत हुआ है अभी। (वाह! वैसे कहाँ पढ़ा आपने इस बारे में?) इनकी मृत्यु के बारे में तो नहीं पढ़ा, पर हाँ बाकी जिन लोगों के नाम आपने लिए उनका पहले ही देहांत हो चुका है। इसलिए श्रीलाल शुक्ल का ही अभी निधन हुआ होगा। बधाई हो आपकी बत्ती जल गई।
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रूपल गोयल कहती हैं रामचंद्र शुक्ल होना चाहिए सही जवाब। (क्यों भला?) यह नाम कॉमन लग रहा है। शरद जोशी बहुत प्रसिद्ध हैं, उनके देहांत पर तो ब्रेकिंग न्यूज बनती। अगर उनकी मृत्यु हुई होती तो पता लग ही जाता। (अच्छा?) तो रामचंद्र शुक्ल का ही देहांत हुआ होगा। आपकी बत्ती भी गुल।
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निकिता आपके अनुसार सही जवाब क्या होना चाहिए? अभी शरद जोशी का ही देहांत हुआ है। मैंने पढ़ा था। हालाँकि हिन्दी से अब थोड़ी दूरी बढ़ गई है इसलिए हिन्दी साहित्य का ज्यादा नॉलेज नहीं है। कॉलेज की पढ़ाई और प्रोजेक्ट्स के कारण खबरों पर भी ध्यान नहीं दे पा रही थी। मोहतरमा आपकी बत्ती भी गुल हो गई।
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मंगलेश आप बताएँ। अअमम... मैं पेपर या मैग्जीन नहीं पढ़ पा रहा हूँ, पर शरद जोशी होना चाहिए। तभी नितिन ने इन्हें हिंट दे दी और ये महाशय कन्फ्यूज हो गए। कुछ देर सर पर हाथ रख सोचने के बाद इन्होंने कहा मुझे नहीं पता इस बारे में कुछ। (अरे-अरे कन्फ्यूज क्यों हो रहे हैं, आपको जो सही लगता हो बताइए) अअअ.. शरद जोशी। (माफ कीजिए आपकी बत्ती गुल हो गई।)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'राग दरबारी' जैसे कालजयी उपन्यास के लेखक श्रीलाल शुक्ल का गत 28 अक्टूबर को निधन हो गया।