दरिद्रता एक अभिशाप है। शास्त्र कहता है- 'बभक्षित: किं न करोति पापम्। क्षीणा: नरा: निष्करूणा भवन्ति।।''
अर्थात भूखा व्यक्ति कौन सा पाप नहीं करता। हमारे शास्त्रों में ऐसे अनेक अनुष्ठानों एवं स्तोत्र का उल्लेख है जिनसे दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। महाशिवरात्रि अथवा श्रावण मास में भगवान शिव का 'दारिद्रय दहन स्तोत्र' के साथ अभिषेक करने से मनुष्य को स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।