अमावस्या हो या पूर्णिमा अथवा श्राद्ध पक्ष के दिनों में संध्या के समय तेल का दीपक जलाकर पितृ-सूक्तम् का पाठ करने से पितृदोष की शांति होती है और सर्वबाधा दूर होकर उन्नति की प्राप्ति होती है।
धार्मिक पुराणों के अनुसार पितृ-सूक्तम् पितृदोष निवारण में अत्यंत चमत्कारी मंत्र पाठ है। यह पाठ शुभ फल प्रदान करने वाला सभी के लिए लाभदायी है। जो व्यक्ति जीवन में बहुत परेशानी का अनुभव करते हैं उनको तो यह पाठ प्रतिदिन अवश्य पढ़ना चाहिए। इससे उनके जीवन के समस्त संकट दूर होकर उन्हें पितरों का आशीष मिलता है...।