Shri ram vandana: भगवान श्रीराम की आरती, स्तुति के बाद पढ़े श्रीराम वंदना। वंदना भी आरती का ही अंग है। इस वंदना में भी उनके जीवन के संपूर्ण घटनाक्रम को प्रदर्शित किया गया है और इसका गुणगान किया गया है। कभी इस आरती का भी प्रयोग विशेष अवसरों पर किया जा सकता है। इससे प्रभु श्रीराम प्रसन्न होंगे। बंदौ रघुपति करुना निधान, जाते छुटै भव-भेद-ग्यान...
त्रैलोक-तिलक, गुनगहन राम।
कह तुलसिदास बिश्राम-धाम।।