विनाशकारी भूकंप में 80 से ज्यादा लोगों की मौत और संपत्ति को हुए भारी नुकसान के कारण सिक्किम के लिए यह साल दुखद रहा। इस वजह से राज्य में पर्यटकों के आगमन और सीमापार से होने वाले व्यापार में भी कमी देखी गई।
गत 18 सितंबर को आए 6.8 तीव्रता के भूकंप में 7000 करोड़ रुपए की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने राज्य को 1000 करोड़ रुपए के पुनर्वास पैकेज का आश्वासन दिया था।
राज्य के इतिहास में पर्यटन में रिकॉर्ड गिरावट देखी गई। अक्टूबर और नवंबर को पर्यटकों के आगमन में 80 प्रतिशत की गिरावट आई। वर्ष की समाप्ति से मात्र कुछ दिन पूर्व उत्तरी सिक्किम में हुए एक सड़क हादसे में टैक्सी के खाई में गिरने से कोलकाता के पांच पर्यटकों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
चीन से लगती भारत की सीमा पर सड़क मार्ग और संपर्क समस्याओं के कारण नाथुला दर्रे से होने वाले व्यापार में कमी आई। भारत ने मई से नवंबर के दौरान सिर्फ 3.8 करोड़ रुपए का व्यापार किया जबकि 2009-2010 में यह 4.1 करोड़ रुपए का था।
राजनीतिक मोर्चे पर इस साल विवादास्पद सिक्किम प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ डिस्टरबेंस ऑफ पब्लिक बिल विधानसभा में पेश किया गया और कई पक्षों के विरोध के कारण इसे वापस ले लिया गया।
विधेयक में सामाजिक दुराचार और अपराध को सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी फैलाने वाला मानते हुए एक विशेष कानून का प्रावधान रखा गया था। दार्जिलिंग हिल्स में गोरखालैंड हड़ताल और बंद के कारण सिक्किम का संपर्क देश के बाकी हिस्सों से तकरीबन एक पखवाड़े तक कटा रहा। (भाषा)