हिम्मतवाला में किया स्ट्रीट फाइटर की तरह डांस- अजय देवगन
अजय देवगन हर तरह के जॉनर की फिल्मों में दर्शकों की पसंद बन गए हैं। कॉमेडी, रोमांटिक, एक्शन सभी फिल्मों में अजय देवगन परफेक्ट लगने लगे हैं।
'बोल बच्चन', 'सन ऑफ सरदार' जैसी सफल फिल्मों के बाद अजय देवगन इन दिनों साजिद खान की फिल्म 'हिम्मतवाला' को चचाओं में है। पेश है अजय देवगन से बातचीत के मुख्य अंश-
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रिमेक फिल्मों में बेहिचक काम करने लगे हैं? मुझे लगता है कि यह कोई नई बात नहीं है। साठ व सत्तर के दशक में भी दक्षिण भारतीय फिल्मों का हिन्दी में और हिन्दी फिल्मों का दक्षिण भारत में रिमेक होता रहा है, आज भी हो रहा है। ऐसा हॉलीवुड में भी होता है।
1983 की 'हिम्मतवाला' की किस बात से प्रभावित होकर रिमेक के लिए तैयार हुए? यह अपने समय की यह बेहद सफल फिल्म रही है। मैंने भी इस फिल्म को कई बार देखा था। फिल्म के निर्देशक साजिद खान ने तो इस फिल्म को उस वक्त छत्तीस बार देखा था। इस फिल्म के साथ हर कोई जुड़ना चाहेगा।
साजिद ने पुरानी फिल्म के राइट्स लेकर नई तरह से पटकथा लिखी है। नए कैरेक्टर रचे हैं। फिल्म का हीरो इंजीनियर नहीं, बल्कि एक स्ट्रीट फाइटर है। फिल्म पूरी तरह से रिमेक नहीं है। बहुत चैंजेस हैं नई फिल्म में।
फिल्म के ट्रेलर्स में आप जंपिंग जैक जितेंद्र की तरह डांस करते नजर आ रहे हैं? इस फिल्म में आप मुझे एक्शन के साथ डांस व कॉमेडी करते हुए भी देखेंगे। एक स्ट्रीट फाइटर जिस तरह से डांस करता है, उसी तरह से डांस करता मैं नजर आऊंगा। एक कलाकार के लिए कॉमेडी, एक्शन, इमोशन, डांस सबकुछ करना जरूरी होता है और वह मैंने फिल्म में अभिनय के साथ किया है। यह फिल्म पुरानी और नई दोनों पीढ़ियों को पसंद आएगी।
शेर के साथ लड़ाई लड़ने के लिए कोई खास ट्रेनिंग लेनी पड़ी? सवाल यह है कि मुझे ट्रेनिंग लेनी पड़ी या शेर को, यह पता करना पड़ेगा। इस एक्शन सीन को हमने मॉरीशस में तीन दिन तक शूटिंग करके फिल्माया है। सभी को पता है कि मेरे पिता एक्शन डायरेक्टर रहे हैं तो मैंने उनको बचपन से ही खतरनाक एक्शन करते हुए देखा है, इसलिए मेरे साथ बहुत ज्यादा ट्रेनिंग लेने वाला मसला नहीं था।
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तमन्ना के साथ काम करना कैसा रहा? तमन्ना दक्षिण भारत की बहुत बेहतरीन अदाकारा हैं। हम दोनों ने साथ काम करते हुए काफी एंजॉय किया।
रोहित शेट्टी और साजिद खान की तुलना कैसे करेंगे? साजिद खान और रोहित शेट्टी की तुलना नहीं की जा सकती है। दोनों का अपना एक अलग स्टाइल है। दोनों की फिल्मों में कुछ न कुछ खासियत होती ही है। साजिद खान की फिल्मों में जानवर होते हैं तो रोहित शेट्टी की फिल्मों में गाड़ियां होती हैं।
आप सेंसर बोर्ड से काफी नाराज हैं? मैंने 'रॉस्कल्स' के बाद ऐलान किया था कि मैं कभी किसी वल्गर फिल्म में एक्टिंग नहीं करूंगा। हमारी फिल्म में डबल मीनिंग डायलॉग नहीं होंगे। 'सन ऑफ सरदार' में हीरोइन सिर से लेकर पैर तक ढंकी थी। 'हिम्मतवाला' में भी कुछ वल्गर नहीं है।
फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड ने बुरी तरह परेशान कर दिया है। फिल्म में बच्चों पर फिल्माया गए गाने 'मार दे बम पर लात' को लेकर सेंसर बोर्ड ने परेशानी खड़ी कर दी है। सेंसर बोर्ड इसे आइटम सांग कह रहा है। वह इसे पास नहीं करना चाहता। बच्चों के गाने में क्या वल्गर हो सकता है।
'सन ऑफ सरदार' का सिक्वल? सिक्वल बनाने के लिए अच्छी स्क्रिप्ट चाहिए। दर्शकों को हम चीट नहीं करना चाहते हैं। अच्छी पटकथा मिलने पर ही हम सिक्वल बनाएगे। 'सिंघम' का भी सिक्वल बनाना चाहते हैं। उसकी पटकथा पर काम चल रहा है।
क्षेत्रीय फिल्मों के प्रोड्यूसर नहीं बनना चाहते हैं? सच कहूं तो अभी तक कुछ नहीं सोचा। कोई बड़ा निर्माता नहीं हूं। मैं पहले अभिनेता हूं। अभिनय से जब समय निकाल पाता हूं तो फिल्म निर्माण के बारे में सोचता हूं।