ममता के रेल बजट से उद्योग जगत खुश

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011 (20:32 IST)
वर्ष 2011-12 के लिए संसद में पेश रेल बजट पर संतोष जाहिर करते हुए भारतीय उद्योग जगत ने कहा है कि सुविधा-सुरक्षा और स्वच्छता पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को यात्री किराए में कोई बढोतरी नहीं करते हुए वर्ष 2011-12 का रेल बजट लोकसभा में पेश किया। रेलवे को पहली बार एक लाख करोड़ रुपए से अधिक आमदनी हुई है।

भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ (फिक्की) के अध्यक्ष राजन भारती मित्तल ने कहा है कि रेलमंत्री का रेलवे की विकास दर को लक्षित करना सराहनीय है। फिक्की ने कहा कि रेलवे में निजी भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए। रेलवे को निजी सरकारी भागीगारी (पीपीपी) के लिए 65 प्रस्ताव मिले हैं और सरकार द्वारा इनके अनुमोदन के लिए विशेष प्रबंध करना स्वागत योग्य है। इसके अलावा विनिर्माण के क्षेत्र में भी सरकार पीपीपी को बढ़ावा देगी। संगठन ने कहा कि पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में रेल सेवाओं को बढ़ावा देने से विकास को गति मिलेगी।

भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल (एसौचेम) के अध्यक्ष दिलीप मोदी ने वर्ष 2011-12 में 57630 करोड़ रुपए आवंटित करने का स्वागत किया है और कहा है कि रेलवे को सुरक्षा और यात्री के लिए साफ सफाई पर खास देना चाहिए। एसौचेम ने कहा कि रेलतंत्र के विस्तार के लिए समुचित प्रबंध किए जाने चाहिए। संगठन ने कहा कि रेलवे ईंधन की कम खपत और पर्यावरण के अनुकूल वाली प्रौद्योगिकी की ओर बढ़ रहा है जोकि स्वागत योग्य है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि रेल बजट के लक्ष्य पर (आम आदमी) है। संगठन ने कहा कि यात्रियों के लिए सुविधाएँ जुटाने और प्रौद्योगिकी विकसित करने की रेलवे की मुहिम के कारण उद्योगों को रेलवे के साथ काम करने का मौका मिला है। सालाना 57630 करोड़ रुपए के आवंटन से भी उद्योगों को अवसर मिलेंगे। इसके अलावा पीपीपी मॉडल भी सराहनीय है।

भारतीय निर्यात महासंघ के अध्यक्ष रामू एस.देवडा ने कहा है कि माल भाड़ा में वृद्धि नहीं करने से उद्योगों को राहत मिलेगी और निर्यातकों को लाभ होगा। महासंघ के अनुसार रेलवे को प्रमुख उद्योग क्षेत्रों और बंदरगाहों को जोड़ने का काम तेजी से करना चाहिए।

भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य संघ (आईसीसीआई) के महासचिव आरपी स्वामी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर को रेल बजट में प्रमुख देना महत्वपूर्ण है। पीपीपी को बढ़ावा देने से रेलवे को अपनी लंबित परियोजनाएँ पूरी करने में मदद मिलेगी। रेल बजट से आम आदमी को राहत मिलेगी और यात्री और माल भाड़ा नहीं बढ़ाया गया है। (वार्ता)

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