जियो शान से..

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18 जून को स्प्लर्ज डे यानी ठाट-बाट दिवस है। अमेरिका में आज का दिन ‘करो अपने मन की’ मूलमंत्र देता है। चर्चित और सुपरहिट फिल्म ‘थ्री इडियट’ का गाना ‘सारी उम्र हम मर-मर के जी लिए एक पल तो अब हमें जीने दो’ आपको याद है न.. ये गाना फिलहाल इसलिए प्रासंगिक है कि क्योंकि 18 जून को स्प्लर्ज डे यानी ठाट-बाट दिवस है ।

ऑक्सफोर्ड पर्सनैलिटी डेवलेपमेंट इंस्टीट्यूट की निदेशक विष्णु प्रिया बताती हैं, 'जीवन इस कदर व्यस्त हो गया है कि ऐसा लगता है मानों बहुत कुछ अनियंत्रित-सा हो गया है, जहां आपका वश नहीं चलता। परिस्थितियां अपने अनुकूल आपको नचाती हैं और आप चुपचाप उन्हें देखते हैं। कभी खुशी से तो कभी अफसोस के साथ आप हालात के साथ चलते जाते हैं।'

ऐसे में कुछ दिन होने चाहिए जब आपको थोड़ी आजादी मिले। उस दिन आप अपने मन का कुछ कर सकें ताकि आपके अंदर का गुबार निकल सके और आपके अंदर दम तोड़ रही इच्छाओं को थोड़ी ऑक्सीजन मिल जाए।'

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अमेरिका में आज का दिन ‘करो अपने मन की’ मूलमंत्र देता है। अगर आप डायटिंग करते हैं और आपका मन लजीज खाने को देखकर रोज मचलता है तो आज के दिन डायटिंग से जरा ब्रेक लें और जमकर खाएं और वह भी बेफिक्री के साथ।

'स्प्लर्ज डे' की शुरुआत अमेरिका में मजाक के तौर पर हुई लेकिन धीरे-धीरे यह लोगों और कंपनियों के बीच छाने लगा। इस दिन के लिए लोग अपनी योजनाएं बनाने लगे। भारत में इस दिन का चलन नहीं है। लेकिन शौक तो लोगों के साथ जुड़े ही हैं।

अटलांटिक रिकॉर्डस की उपाध्यक्ष लिविया टॉरटेला ने कहा, ‘समकालीन कला और गैलरी तस्वीरें मेरा शौक हैं। मैंने हाल ही में कैमिला रोज गार्सिया की ‘ट्वाइलाइट : हिरण’ पर पैसे खर्च किए। द लिमिटेड के लिंडा हिस्ले का कहना है कि वह डिजाइनर कपड़े, जैसे लुईस व्हिटॉन के कपड़े पहनना चाहेंगे, ताकि आकर्षक लग सकें।

यह जरूरी है कि आप अपनी इच्छाओं को मरने न दें क्योंकि इससे आपके व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब भी मौका मिले, अपनी इच्छाएं जरूर पूरी करनी चाहिए। फिर देखिए इसका कमाल। एक दिन की राहत आपको कई महीने तरोताजा रखेगी।

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