1942 में गाँधीजी की घोषणा के बाद...

कहने को तो अगस्त क्रांति की घोषणा गाँधीजी ने बंबई में की थी, लेकिन उसकी गंभीर प्रतिक्रिया दिल्ली में हुई। 9 अगस्त को कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को जेल में डाल देने की खबर ने दिल्ली के जनमानस को आंदोलित कर दिया।

गृह मंत्रालय की गोपनीय रिपोर्टों में दिल्ली के आंदोलन की तुलना यूरोप में हुई 1815 की क्रांति से की गई। गाँधीजी की गिरफ्तारी की सूचना लाउडस्पीकर लगाकर शहर के कोने-कोने में फैलाई गई। फलस्वरूप 9 अगस्त को चाँदनी चौक, नई सड़क, खारी बावली, चावड़ी बाजार तथा करोल बाग में सारी दुकानें बंद कर दी गई।

विद्यार्थी, मजदूर, ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ता और रेडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी के अलावा सभी राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने एक लंबा-चौड़ा जुलूस निकाला। शाम पौने पाँच बजे कंपनी बाग से शुरू होकर जुलूस सारे शहर में चक्कर लगाने लगा। (नईदुनिया)

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