भोजन में सही मात्रा में विटामिन खनिज हो और आहार पौष्टिक हो।
चॉकलेट, गोली, मिठाई या चिपचिपे पदार्थ न खाएँ या खाने के बाद एक बार ब्रश अवश्य करें।
कम से कम दो बार ब्रश करें। रात को सोने के पूर्व नियम से ब्रश अवश्य करें। जिसमें दाँतों में फँसे व मसूड़ों पर चिपके अन्न कण या अन्य भोजन सामग्री निकल जाए और रात को आप स्वस्थ मुँह लेकर सोएँ।
अगर ब्रश पुराना हो जाए या ब्रश के दातें खराब हो गए हों तो ब्रश तुरंत बदल लें नहीं तो खराब ब्रश आपके मसूडों व दाँतों को नुकसान पहुँचा सकता है।
दाँतों या मसूडों या मुँह में थोड़ी भी परेशानी हो तो तुरंत दंत चिकित्सक की सलाह लें। बीमारी जल्दी पकड़ी जाने से अधिक सरलता व कम खर्च में ठीक हो सकती है। बीमारी से सावधानी भली।
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आमतौर पर यह धारणा है कि बहुत ताकत लगाकर बहुत समय लगाकर दाँतों को घिसना चाहिए तभी दाँत साफ हो सकते हैं, यह गलत धारणा है और लोग ब्रश करने के साथ दाँतों से पहलवानी करके अपने दाँतों को खराब करते हैं।
सही और वैज्ञानिक तरीके से ब्रश करना चाहिए साथ ही मसूडों की मालिश करना चाहिए व डेंटल फ्लास का उपयोग दाँतों के बीच के स्थान को साफ करने के लिए करना चाहिए।