पपीता : आहार पचाए, हर रोग से बचाए

पपीता अत्यंत गुणकारी एवं सर्वसुलभ फलों में से एक है। पपीता से निकलने वाला रस अपने वजन से 100 गुना प्रोटीन बहुत जल्द पचा देता है, जिससे आमाशय तथा आंत संबंधी विकारों में बहुत लाभ मिलता है।

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कब्ज व कफ के रोग में लाभकारी है। गरिष्ठ पदार्थ को आसानी से पचाता है। पपीते के सेवन से वात का शमन होता है तथा यह अपावायु को शरीर से बाहर करता है।

कच्चे पपीते से बनी लुगदी का लेप करने से घाव जल्दी भर जाता है। हृदय, नाड़ियों तथा पेशियों की क्रिया ठीक रखने में सहायक है। त्वचा व नेत्र स्वस्थ रखने में उपयोगी है। पपीता के नियमित उपयोग से शरीर में इन विटामिनों की कमी नहीं रहती। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो बहुत ही पाचक होता है। यह पेप्सिन प्राप्त करने का एकमात्र साधन है।


पपीते का रस प्रोटीन को आसानी से पचा देता है। इसलिए पपीता पेट एवं आंत संबंधी विकारों में बहुत ही लाभदायक है। पपीते में पाया जाने वाला विटामिन 'ए' त्वचा एवं नेत्रों के लिए बहुत आवश्यक होता है। इस विटामिन से त्वचा स्वस्थ, स्वच्छ और चमकदार रहती है।

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पपीते में कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है, जो रक्त एवं तंतुओं के निर्माण एवं हृदय, नाड़ियों तथा पेशियों की क्रिया ठीक रहने में सहायक होता है। बच्चों की वृद्धि में और रोगों से बचाव की क्षमता बढ़ाने में भी विटामिन 'ए' की आवश्यकता रहती है।

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