पति-पत्नी बेड पर लेटे थे, लेकिन दोनों बड़ी देर तक चुपचाप रहे। इस पर पत्नी ने सोचा- ये मुझसे बात क्यों नहीं कर रहे? क्या किसी दूसरी औरत के बारे में सोच रहे हैं? क्या बाहर इनका अफेयर है? मैं अब और पहल नहीं करूंगी। क्या अब सचमुच मेरे चेहरे पर झुर्रियां आने लगी हैं? क्या अब उम्र मुझ पर हावी हो रही है? क्या अब मैं इन्हें लुभा नहीं पा रही हूं? क्या में ज्यादा ही मोटी हो गई हूं? क्या वे मुझसे नाराज़ हैं? मैं उन्हें थकान के कारण रात को कभी मना कर देती हूं, इसीलिए वे मुझे नाराज हैं और पहल नहीं करना चाहते?
पत्नी की सोच और गंभीर हो गई। वह सोचने लगी- मुझे बच्चों को सुबह जल्दी स्कूल के लिए तैयार करना होता है और फिर घर के काम भी तो देर रात तक खत्म होते हैं, इसीलिए कभी मैं इन्हें मना कर देती हूं, लेकिन मेरी परेशानी कौन समझेगा? बस हर बार इनकी बात मानो तो ये खुश रहेंगे, वरना बात भी नहीं करेंगे।
पत्नी को पुरानी बातें याद आने लगीं- पहले कभी ऐसा कुछ लगा नहीं कि ये दूसरी के चक्कर में फंस गए हैं, लेकिन अगर मेरी काया अब पहले की तरह नहीं रह गई है तो हो सकता हो कि इनके ऑफिस में किसी औरत ने इन पर डोरे डाले हों और ये उसके चक्कर में आ गए हों। पुरुष का क्या है, वह तो बाहर कुछ भी कर सकता है। स्त्री के लिए तो घर का काम, बच्चे संभालना, उनके स्कूल की जिम्मेदारी और भी कई काम। उस पर अगर रात को इन्हें मना कर दो तो....एक के बाद एक कई ख्याल पत्नी के मन में आ रहे थे और बहुत सारी शंकाओं से उसका दिल बैठा जा रहा था।
दूसरी तरफ पति सोच में डूबा था- इस धोनी को भी अकल नहीं है। आखिरी ओवर रवींद्र जड़ेजा से क्यों करवाया?