यह मकान मुझे दे दीजिए

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मकान मालिक प्रेमसुख लाल ने अपने घर के बाहर बोर्ड लगा रखा था कि - मकान उन्हें ही दिया जाएगा, जिनके बाल-बच्चे न हों। एक बच्चा मकान मालिक प्रेमसुख के पास आया और बोला - अंकल..., अंकल! यह मकान मुझे दे दीजिए, मेरा कोई बच्चा-वच्चा नहीं है, केवल मां-बाप ही हैं।

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