जिस दिन मैं न होऊँगी

- रश्मि रमान
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जिस दिन मैं न होऊँगी
तब भी
मेरे लिखे अक्षर तो होंगे
कविताएँ भी होंगी।

चन्द्रमा को निहारते
चकोर पंछी होंगे
सूर्य की ओर मुँह करने वाले
सूर्यमुखी के फूल भी होंगे।

प्यार की खुशबू होगी
सूखे फूलों और पीले पत्तों में
अलमारी में बन्द
पुरानी चिट्ठियों को पढ़ते
मजा आएगा किसी कहानी का।

मुझे याद करने पर
अगर कभी बैचेनी हो
तो हाथ लगाना मेरी किताबों को
और महसूस करना
मेरे दिल की धड़कन को।

साभार : काव्यम