आया होली का त्योहार...

लड़का : अटक अटक झट पट पनघट पर
चटक चटक एक नार नवेली गोरी गोरी ग्वालन की छोरी। 2 बार
चली चोरी-चोरी, मुख मोरी-मोरी, मुस्काए अलबेली
कंकरी गली में मारी कंकरी कन्हैया ना
पकरी बाँह और की अठखेली, भरी पिचकारी मारी
सररररर होरी परी हारी बोली
 
लड़की : अररर अरे जा रे हट नटखट ना छू रे मेरा घूँघट
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे । 2 बार
मुझे समझो ना तुम भोली भाली रे
 
लड़का : आया होली का त्योहार उड़े रंग की बौछार
तू है नार नखरेदार मतवाली रे
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे
 
लड़की : हो तक-तक न मार पिचकारी की धार ...। 2 बार
कोमल बदन सह सके ना ये मार
तू है अनाड़ी बड़ा ही गँवार
कजरे में तूने अबीर दिया डार
तेरी जखजोरी से, बाज आई होरी से
हो चोर तेरी चोरी निराली रे, मुझे समझो ना ...
 
लड़का : हो ...धरती है लाल,
आज अंबर है लाल ...। 2 बार
उड़ने दे गोरी गालों का गुलाल
मत लाज का आज घूँघट निकाल
दे दिल की धड़कन पे धिनक-धिनक ताल
अरे झाँझ बजे चंग बजे संग में मृदंग बजे
अंग में उमंग खुशियाली रे, आज मीठी लगे हैं...
अरे जारे हट...
 
फिल्म : नवरंग (1959)
निर्माता : राजकमल कला मन्दिर
निर्देशक : वी. शांताराम
गीतकार : भरत व्यास
संगीतकार : सी. रामचन्द्र
गायक-गायिका : चितलकर, आशा भोंसले, महेन्द्र कपूर

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