बेनजीर भुट्‍टो फिर नजरबंद

मंगलवार, 13 नवंबर 2007 (22:20 IST)
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को मंगलवार को आपातकाल के विरोध में आयोजित रैली में शामिल होने से रोकने के लिए नजरबंद कर दिया गया। बेनजीर के साथ बढ़ते मतभेद के कारण राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ अब निर्वासित नेता नवाज शरीफ के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं।

लांग मार्च में भाग लेने से रोकने के लिए नजरबंद किए जाने के पाकिस्तान सरकार के फैसले से नाराज 54 वर्षीय बेनजीर ने पहली बार मुशर्रफ से राष्ट्रपति पद छोड़ने की माँग की और तानाशाह के साथ काम नहीं करने की शपथ ली। रैली यहाँ भुट्टो के बगैर शुरू हुई।

उन्होंने कई समाचार चैनलों को दिए साक्षात्कार में कहा- हम कहते हैं मुशर्रफ को जाना होगा। तानाशाही के दिन लद गए। यह लोकतंत्र लाने का वक्त है।

उन्होंने भविष्य की किसी भी सरकार में मुशर्रफ के साथ काम करने की संभावना से भी इनकार किया। उन्होंने कहा मुशर्रफ को पद छोड़ देना चाहिए। वह लोगों का विश्वास खो चुके हैं।

शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आफताब चीमा ने बताया कि सात दिन के नजरबंदी के आदेश को बेनजीर के सहयोगी नहीद खान को दिखाया गया और लाहौर में जिस घर में वह ठहरी थीं, उसके दरवाजे पर आदेश को चस्पा दिया गया।

ब्रिटेन का मुशर्रफ से आग्रह : पाकिस्तान में आपातकाल लगने के बाद उत्पन्न हालात पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए ब्रिटेन ने जनरल परवेज मुशर्रफ से देश में दस दिन के अंदर सैन्य शासन खत्म करने का अनुरोध किया है।

ब्रिटेन के विदेशमंत्री डेविड मिलिबैंड ने कहा कि पाकिस्तान में राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ को हर हाल में दस दिन के अंदर सैन्य शासन खत्म करना होगा। इस बारे में आगामी सोमवार को बुलाई गई राष्ट्रकुल देशों की बैठक में जनरल मुशर्रफ के लिए 22 नवंबर तक आपातकाल समाप्त किए जाने की समय सीमा तय किए जाने का ब्रिटेन द्वारा समर्थन किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा- बिलकुल, हम इसका समर्थन करेंगे।

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