अल शबाब, अल कायदा से भी खूंखार आतंकी संगठन ...

गरीबी, भूखमरी और 20 सालों से गृहयुद्ध की आग में झुलस रहे सोमालिया के खूंखार, बेरहम आतंकियों का कुख्यात संगठन है अल-शबाब। हाल ही में इसके आत्मघाती हमलावरों ने केन्‍या की राजधानी नैरोबी के मशहूर वेस्‍टगेस्‍ट शॉपिंग मॉल पर मुंबई पर हुए 26/11 जैसा आतंकी हमला कर कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
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सोमालिया का आतंकी संगठन अल शबाब फिलहाल न सिर्फ अफ्रीका महाद्वीप बल्कि सारी दुनिया में दहशत का पर्याय माना जाने लगा है। जहां इस समय अल कायदा कमजोर हुआ है वहीं अल शबाब खुद को गरीब और पिछड़े हुए देशों के कट्टरपंथियों का एक खतरनाक समूह बना कर दुनिया में आतंक का साम्राज्‍य कायम करना चाहता है।

माना जाता है कि अल-शबाब के आतंकियों ने अमेरिका तक अपनी जड़ें जमा चुका है। यही नहीं अमेरिका ने सोमालिया के आतंकवादी संगठन अल-शबाब के दो अमेरिकी आतंकवादियों उमर शफीक हम्मामी और जेहाद सेरवान मुस्तफा की गिरफ्तारी पर 5 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया है।

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PTI
क्या है अल-शबाब : वैसे इस संगठन का पूरा नाम है हरकत-अल-शबाब-अल मुजाहीदीन जिसे अब अल शबाब के नाम से जाना जाता है, अल शबाब का अरबी में अर्थ होता है युवा। आम तौर पर अल-शबाब को अलकायदा का नजदीकी माना जाता है। इस संगठन का नेटवर्क अफ्रीका, यूरोप से लेकर अमेरिका तक में फैला है। अल शबाब सैन्य संगठन इस्लामिक कोर्ट यूनियन का ही एक अंग है। 2006 तक इस अल-शबाब एक सैन्य संगठन के तौर पर जाना जाता था और मध्य और दक्षिणी सोमालिया पर इसी संगठन का अधिकार था।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा सोमालिया क्षेत्र में दखल देन के बाद 2006 में सोमालिया की फेडरल सरकार ने संयुक्त राष्ट्र और इथियोपियाई सेना की मदद से अल-शबाब को सोमालिया से खदेड़ा था। अल कायदा से भी खूंखार है अल शबाब...

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अल कायदा से भी खूंखार है अल शबाब... अल कायदा की घटती ताकत और समर्थन के चलते इस्लामी कट्टरपंथियों के बीच अब अल शबाब अधिक लोकप्रिय हो रहा है। सालों से सरकारी सेनाओं, संयुक्त राष्ट्र की सेनाओं से लड़ने के कारण अल शबाब को कड़ा सैन्य प्रशिक्षण मिला है। अत्याधुनिक हथियारों से लैस अनुभवी लड़ाके इस संगठन को बेहद बेरहम और खतरनाक बनाते हैं।

कौन है इस खतरनाक संगठन का मुखिया : आयरो अल शबाब का पहला मुखिया था। आयरो ने ही सोमालिया में हारने के बाद तालिबान से संपर्क साधा और अपने लड़ाकों को अफगानिस्तान में तालिबान से ट्रेनिंग दिलाने भेजा। इसके बाद अल-शबाब तालिबान की तरह ही सोमालिया में हमले करने लगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार मई 2011 तक अल शबाब के पास करीब 15 हजार खूंखार और प्रशिक्षित आतंकी लड़ाके हैं। इस समय इस संगठन शबाब का मुखिया है गोडाने।
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यह बनाते हैं बेरहम बाल आतंकवादी: लंदन के समाचार पत्र 'द डेली मेल' की एक रिपोर्ट के अनुसार आतंकवादी संगठन अल शबाब के आतंकवादी सोमालिया में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आतंकवादी बनाने के लिए बाकायदा स्कूल चला रहे हैं और उनके दिलो दिमाग में नफरत के बीज बो कर पश्चिमी देशों में हमलों को अंजाम देने के लिए तैयार कर रहे हैं।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि इन आतंकवादी स्कूलों में 10 साल से छोटे बच्चों को आत्मघाती बम हमलों के बारे में शिक्षा दी जा रही है और कहा जा रहा है कि अगर वे इन गतिविधियों में शामिल होंगे तो उन्हें जन्नत नसीब होगी। आतंकवादी मामलों के जांचकर्ता नील डोयले ने राजधानी मोगादिशु के एक स्कूल में छापे के दौरान जंजीरों से बंधे छोटे बच्चों की फोटो जारी की हैं। समाचार पत्र में स्कूल के टीचर के हवाले से बताया गया कि ये बच्चे अपनी कक्षा में नहीं आए इसलिए इन्हें चेन से बांध कर रखा गया है। स्कूल में यह छापा हाल ही में सरकार द्वारा छापों के लिए दी गई अनुमति के बाद मारा गया था। अब तक इस तरह के छापों में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

अब तो अल-शबाब ट्विटर पर भी मौजूद है। लेकिन वेस्‍टगेस्‍ट शॉपिंग मॉल पर हमले के तुरंत बाद उन्होंने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया है।

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