काला धन, जर्मनी व स्विट्‍जरलैंड करेंगे मदद

रविवार, 6 फ़रवरी 2011 (23:22 IST)
जर्मनी तथा स्विट्‍जरलैंड ने उनके यहाँ जमा काले धन का पता लगाने में भारत सरकार को पूरी मदद देने का वादा किया है, लेकिन वह चाहते हैं कि उनके गोपनीयता कानून का कड़ाई से पालन हो जिसके तहत भारत सरकार नामों को सार्वजनिक नहीं कर सकती है।

जर्मन सरकार के अधिकारियों ने बर्लिन से बताया कि जर्मनी इस बारे में और नामों की जानकारी बाँटने को तैयार है। जर्मनी ने पिछले साल लीकटेंस्टाइन स्थित एलजीटी बैंक में गोपनीय खाते रखने वाले लोगों के नाम भारत सरकार को बताए थे।

जर्मनी के वित्त मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि देश का फेडरल ब्यूरो ऑफ टेक्सास समय-समय पर प्रासंगिक जानकारी सम्बद्ध देशों को उपलब्ध कराता रहता है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता और यह केवल सम्बद्ध अधिकारियों के इस्तेमाल के लिए होती है।

स्विट्‍जलैंड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कहा कि इस मामले में दी गई जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता और इसे गोपनीय माना जाएगा।

स्विट्‍जरलैंड वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने बर्न से कहा कि दोनों देशों में संशोधित कर संधि लागू होने के बाद ऐसी सूचनाएँ भारत के साथ बाँटी जा सकेंगी, लेकिन भारत सरकार इसे केवल सम्बद्ध कार्यालयों व अदालतों को ही उपलब्ध करा सकेगी। (भाषा)

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