खाड़ी देशों में 'सेक्स' तस्करी

बुधवार, 9 मार्च 2011 (11:50 IST)
एक जाने-माने गैर सरकारी संगठन ने मंगलवार को कहा कि हर वर्ष सैकड़ों नेपाली महिलाओं को रोजगार के बहाने वाणिज्यिक यौनकर्मी के रूप में विदेशों में, खासकर खाड़ी देशों में भेजा जाता है।

नेपाल में यौनकर्मियों के पुनर्वास के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन मैती नेपाल की अध्यक्ष अनुराधा कोइराला ने यहाँ कहा कि बालिकाओं को वेश्यावृति में धकेलने की मुख्य वजह लिंग आधारित भेदभाव है क्योंकि इसकी वजह से उन्हें उचित शिक्षा और रोजगार के अवसर नहीं मिलते।

कोइराला ने कहा कि विदेश में रोजगार के नाम पर इनमें से अधिकतर को खाड़ी देशों में ले जाया जाता है, जबकि पहले इन नेपाली महिलाओं को भारतीय वेश्यायलों में बेच दिया जाता था।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की 100वीं वर्षगाँठ यहाँ इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने महिलाओं की (देह व्यापार के लिए) तस्करी में वृद्धि के पीछे शिक्षा की कमी, भयंकर गरीबी, बेरोजगारी, सशस्त्र संघर्ष, राजनीतिक संरक्षण तथा भारत के साथ खुली सीमा मुख्य वजह हैं।

मैती नेपाल के अनुसार यहाँ डांस बारों, केबिन रेस्तराओं, मसाज पार्लरों में काम करने वाली 50 हजार महिलाओं में अधिकत का यौन शोषण होता है। उनमें 30 फीसदी 11 से 16 साल की होती हैं। (भाषा)

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