'टाइटैनिक' की तरह खोजेंगे 'लापता विमान'

बुधवार, 23 अप्रैल 2014 (13:04 IST)
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पर्थ। ऑस्ट्रेलिया दुर्घटनाग्रस्त मलेशियाई विमान के मलबे का पता लगाने के लिए उस शक्तिशाली प्रणाली की मदद लेने पर विचार कर रहा है जिससे 29 वर्ष पहले टाइटैनिक जहाज को खोज निकाला गया था।

ऑस्ट्रेलिया इस नई योजना पर विचार इसलिए कर रहा है, क्योंकि हिन्द महासागर के जल के अंदर मलबे की तलाश में जुटी छोटी रोबोटिक पनडुब्बी को अब तक कोई सफलता हासिल नहीं हुई है।

ऑस्ट्रेलिया विमान की खोज के अगले कदम को लेकर मलेशिया, चीन और अमेरिका के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। यह विमान 8 मार्च को रहस्यमयी तरीके से लापता हो गया था और इसमें 5 भारतीयों सहित 239 यात्री सवार थे।

एसोसिएट प्रेस ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री डेविड जान्सटन के हवाले से कहा कि ज्यादा शक्तिशाली साइड स्कैन वाणिज्यिक सोनार उपकरण को संभवत: तैनात किया जाएगा। यह उस प्रणाली जैसा है जिससे वर्ष 1985 में अटलांटिक महासागर में 3,800 मीटर की गहराई में टाइटैनिक जहाज और वर्ष 2008 में हिन्द महासागर में ऑस्ट्रेलिया के ‘एचएमएएस सिडनी’ के मलबे को खोजा गया।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगला चरण यह है कि हम पानी में ज्यादा गहराई में जाने के लिए ज्यादा शक्तिशाली और ज्यादा सक्षम साइड स्कैन सोनार के साथ आगे बढ़ें।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने कहा कि विमान का संभावित क्षेत्र समुद्र में 700 किलोमीटर लंबे और 80 किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में है। अगर वर्तमान तलाश क्षेत्र में कुछ नहीं मिलता है तो नई खोज रणनीति अपनाई जाएगी।

एबोट ने कहा कि अगर इस दौरान हमें कुछ प्राप्त नहीं होता है तो हम तलाश बंद नहीं करेंगे जबकि हम खोज को लेकर फिर से सोचेंगे लेकिन हम इस रहस्य की गुत्थी खोलने तक हरसंभव प्रयास करने तक शांत नहीं बैठेंगे।

मलेशियाई विमान के बुधवार की खोज में करीब 10 सैन्य विमान और 12 पोत लगेंगे। इससे पहले मंगलवार को ‘जैक’ चक्रवात से खराब हुए मौसम के कारण हवाई खोज क्रियाकलाप नहीं हो पाए थे।

पर्थ के संयुक्त एजेंसी समन्वय केंद्र ने एक बयान में कहा कि साइड स्कैन सोनारयुक्त अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बी ‘ब्लूफिन-21’ करीब 80 प्रतिशत संभावित क्षेत्र में मलबे की तलाश कर चुकी है। (भाषा)

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