पाकिस्तान छोड़ रहे हैं हिन्दू अल्पसंख्यक

सोमवार, 10 जून 2013 (12:36 IST)
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में एक हिन्दू विधायक ने देश की नई सरकार से अपने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के पलायन की आशंका जताई है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए तुरंत और प्रभावी कानून बनाए जाने का आह्वान किया है।

थारपरकर से सिंध असेम्बली के लिए चुने गए एकमात्र गैरमुस्लिम विधायक महेश मलानी ने देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय हिन्दुओं के खिलाफ भेदभाव बरते जाने का आरोप लगाया है जिसके चलते उन्हें सुरक्षित स्थलों की ओर पलायन को मजबूर होना पड़ रहा है।

'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने मलानी के हवाले से कहा है कि हिन्दू बालिकाओं का जबरन इस्लाम में धर्मांतरण जैसे मुद्दों के कारण समुदाय में बढ़ती असुरक्षा की भावना के चलते समुदाय के सदस्य अन्य स्थलों (जैसे भारत) की ओर पलायन को मजबूर हो रहे हैं।

मलानी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 11 मई का चुनाव लड़ा था और वे 2008 से ही हिन्दू विवाह पंजीकरण के लिए कानून बनाए जाने को लेकर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि नई सरकार को अल्पसंख्यकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रत्येक जिले में समितियों का गठन करना चाहिए।

उनका कहना है कि इन समितियों में मुस्लिमों, गैरमुस्लिमों तथा कौंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी के सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए और इन्हें कथित जबरिया धर्मांतरण तथा जबरन विवाहों से संबंधित मामलों को देखना चाहिए।

मलानी ने कहा कि बड़े पैमाने पर फैली गरीबी इस प्रकार की घटनाओं के लिए जिम्मेदार है खासतौर से सिंध प्रांत में यह समस्या अधिक है, जहां हिन्दू आबादी काफी संख्या में है। पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने के कारण कुछ हिन्दू व्यवसायी अपने कारोबार को अन्य जगहों पर ले जा रहे हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले वर्ष सितंबर माह से करीब 1 हजार हिन्दू परिवार भारत में जा बसने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इनमें से कुछ भारत जाने में सफल हो गए हैं लेकिन यह ऐसी घटना है जिससे अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा की पाकिस्तान की क्षमता पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

'हरे रामा फाउंडेशन' के रमेश जयपाल का कहना है कि सिंध के साथ लगती राजस्थान के जोधपुर जिले की सीमा में कई हिन्दू कल्याण संगठन पाकिस्तानी प्रवासियों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं।

जयपाल ने कहा कि हिन्दू समुदाय के नेताओं ने इस मुद्दे को पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाया था जिसने अल्पसंख्यकों की चिंताओं के समाधान के लिए कानूनों को लागू किए जाने का आदेश दिया था।

पूर्व में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट से सांसद रह चुके मलानी ने कहा कि उनके हितों की रक्षा के लिए मौजूदा कानूनों को क्रियान्वित किया जाना चाहिए...यह अदालत का आदेश था। सिंध असेम्बली में इस समय 9, पंजाब असेम्बली में 8 तथा बलूचिस्तान और खबर पख्तूनख्वा में 3-3 विधायक अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। (भाषा)

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