लाल चीन में माओ हैं नए भगवान

बुधवार, 8 फ़रवरी 2012 (00:54 IST)
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चीन ने भले ही पूंजीवाद का रास्ता अख्तियार कर लिया है लेकिन चीनी जनता में बेहद प्रतिष्ठित उनके क्रांतिकारी नेता माओ त्से तुंग नास्तिक देश में नए देवता के तौर पर उभरे हैं।

चीन को क्रांति के पथ पर ले जाने वाले माओ को लोगों ने नए आध्यात्मिक प्रतीक के तौर पर स्वीकार किया है। विडंबना यह है कि उन्होंने धर्म और भगवान के विचार को ही खारिज कर दिया था।

चीन की सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा प्रकाशित 'ग्लोबल टाइम्स' ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि हुनान प्रांत में उनके गृह नगर में स्थानीय लोग माओ के ‘परालौकिक जीवन’ की रक्षा के लिए सारे एहतियात बरतते हैं।

1993 में जब माओ की छह मीटर ऊंची प्रतिमा को एक बड़े चौराहे पर पुर्नस्थापित करना था तो स्थानीय निवासियों ने इससे पहले रात भर प्रार्थना की ताकि वह नाराज नहीं हों।

माओ के निधन के चार दशक बाद भी उनका रहस्यमय आकर्षण बना हुआ है और पिछले साल 70 लाख चीनी नागरिकों ने उनके गांव की यात्रा के लिए 1.85 अरब युआन खर्च कर डाले। (भाषा)

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