सरबजीत को इलाज के लिए नहीं भेजा जाएगा विदेश-पाकिस्तान

सोमवार, 29 अप्रैल 2013 (18:12 IST)
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लाहौर/ इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आज कहा कि लाहौर के एक अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को ‘सर्वश्रेष्ठ संभव उपचार’ दिया जा रहा है और उन्हें बाहर भेजने की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने इस खबर को खारिज किया कि सरबजीत को विदेश भेजने के प्रस्ताव पर एक चिकित्सा बोर्ड विचार कर रहा है। सूचना मंत्री आरिफ निजामी ने कहा कि 49 वर्षीय सरबजीत को लाहौर के अस्पताल में सर्वश्रेष्ठ संभव उपचार दिया जा रहा है और उन्हें बाहर भेजने की कोई योजना नहीं है।

पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार के अहम सदस्य निजामी ने कहा कि सरबजीत का इलाज लाहौर के जिन्ना अस्पताल में ही जारी रहेगा। इस्लामाबाद में एक आधिकारिक कार्यक्रम के इतर उन्होंने कहा सरबजीत को सर्वश्रेष्ठ संभव उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यवाहक सरकार ने भारतीय अधिकारियों को सरबजीत तक कूटनीतिक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए हैं।

उधर, अधिकारियों ने बताया कि जिन्ना अस्पताल के मुख्य कार्यकारी महमूद शौकत की अगुवाई वाले चार सदस्यीय चिकित्सा बोर्ड ने आज सुबह सरबजीत की नियमित जांच की। बीते शुक्रवार को हुए हमले के बाद से सरबजीत का इसी अस्पताल में उपचार चल रहा है।

उन्होंने मीडिया की उस खबर को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यह चिकित्सा बोर्ड सरबजीत को उपचार के लिए विदेश भेजने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। पंजाब प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

इस अधिकारी ने कहा असल बात यह है कि इस चिकित्सा बोर्ड को सरबजीत को विदेश भेजने के बारे में फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा बोर्ड मरीज पर नजदीकी निगरानी बनाए हुए हैं और सरबजीत को ‘सर्वश्रेष्ठ उपचार’ दिया जा रहा है।

अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि सरबजीत की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। सूत्रों ने कहा कि चिकित्सा बोर्ड में शौकत के अलावा प्रोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंस्टीट्यूट की प्राचार्य अंजुब हबीब वोहरा, जिन्ना अस्पताल के न्यूरो विभाग के प्रमुख जफर चौधरी और किंग एडवर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी के न्यूरो-फिजीशियन नईम कसूरी शामिल हैं, जो सरबजीत के मामले को ‘बड़ी न्यूरोसर्जिकल चुनौती’ के तौर पर देख रहे हैं।

सरबजीत पर शुक्रवार को लाहौर के कोट लखपत जेल में हमला हुआ था, जिसके बाद से वह जिन्ना अस्पताल में भर्ती है। वह गहरे कोमा में है और चिकित्सकों का कहना है कि उसके बचने की संभावना कम है।

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 1990 में हुए बम हमलों में संलिप्तता के लिए सरबजीत को दोषी ठहराया गया था, जिसमें 14 व्यक्ति मारे गये थे। सरबजीत के परिवार का कहना है कि वह गलत पहचान का शिकार बना। (भाषा)

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