हिमालयवासियों ने बनवाया यती का चित्र

बुधवार, 11 जून 2008 (23:03 IST)
ब्रिटेन के डर्बीशायर इलाके की एक महिला ने यती का एक चित्र जारी किया है। यह चित्र उसने कथित तौर पर हिमालयवासियों के आँखों देखे विवरण के आधार पर बनाया है। यती यानी हिम मानव एक ऐसा जीव है जिसके बारे में ढेरों किंवदंतियाँ हैं और अब तक इसकी कोई तस्वीर नहीं है। वैज्ञानिक इस विवरण को दिलचस्पी के साथ देख रहे हैं जिसे इस महिला ने जारी किया है।

पॉलियाना पिकरिंग ने यह चित्र भूटान के ब्रोकपास जनजाति के लोगों से बातचीत
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के आधार पर बनाया है। ये लोग भूटान के साकतेन इलाके में रहते हैं। इस कलाकार का यह भी दावा है कि उसे यती की एक सचमुच की खोपड़ी दिखाई गई। उनके अनुसार 100 साल पुरानी यह खोपड़ी उन्हें दूरदराज इलाके के एक मठ में दिखाई गई। उनका यह चित्र 14 जून से शुरू हो रही भ्रमणशील कला प्रदर्शनी का हिस्सा होगा।

उनका कहना है, 'मुझे जब उन्होंने मिगोई (यती का स्थानीय नाम) के लगातार दिखने की बात बताई तो मैं हैरान रह गई। उन्होंने मुझे कई घटनाएँ सुनाईं, जब यती लोगों को उठा ले गए।' पिकरिंग ने कहा कि 'चारों तरफ बैठे लोग उन्हें बताते गए कि यती कहाँ से कैसा दिखता है।' उनका कहना है, 'उन लोगों ने मुझे इतने विस्तार से बताया कि मैंने चित्र भी बना लिया।'

सुश्री पिकरिंग के अनुसार उन लोगों को इस बात पर अचरज था कि कुछ लोगों को यती के अस्तित्व पर यकीन नहीं है। उनके लिए यह किसी दूसरे जानवर की तरह स्थानीय जंगली जानवर है। ब्रोकपास लोगों के अनुसार यती एक बहुत ही शर्मीला, बंदर की तरह का जानवर है। करीब 8 फुट ऊँचे यती की खाल काली या लाल-सी बताई गई है। यती विशेषज्ञ जोनाथन डाऊन्स के अनुसार 'अगर पिकरिंग द्वारा देखी गई खोपड़ी वाकई यती की है तो यह धमाकेदार खोज हो सकती है।' वे कहते हैं, 'अगर ये खोपड़ी सही हैं और इसकी हड्डियाँ जुड़ी हुई हैं तो यह 1930 के बाद से जीव विज्ञान की सबसे बड़ी खोज है।'

वर्ष 1930 में जो खोज हुई थी, वह खोज सीलकेंथ मछली की थी। डाऊन्स जीव विज्ञान के एक केंद्र से जुड़े हैं। यह केंद्र जल्द ही एक पाँच सदस्यीय खोजी दल जून के मध्य में रुस के कारबादीनो बलकारीया इलाके में यती की खोज में जाएगा। डाऊन्स का कहना है, 'यती के करीब 5 लाख साल पुराने 'जायगैंटोपिथिकस ब्लैकी' के वंशज होने की संभावना है।'