नई दिल्ली (एजेंसी)। इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने संचार मंत्रालय से सभी इंटरनेट टेलीफोनी सेवाएँ (वीओआईपी) तब तक बंद करने को कहा है, जब तक कि उन कॉलों को ट्रैक (रास्ते की पहचान) करने की व्यवस्था मुकम्मल न हो जाए।
आईबी का मानना है कि इस समय देश में इंटरनेट टेलीफोन कॉलों (घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय) को ट्रैक करने की सुविधा नहीं है। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से इसका जल्द से जल्द हल खोजा जाना चाहिए।
संचार मंत्रालय को भेजे एक पत्र में आईबी ने कहा कि कॉलर लाइन पहचान (सीएलआई) घटकों के अभाव में विदेशों से आने वाले कॉलों की पहचान नामुमकिन है। बावजूद इसके भारत में कई सेवा प्रदाताओं ने घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय कॉलों के लिए वीओआईपी सोल्यूशन उपलब्ध कराए हैं। ऐसे कॉल के मामलों में वास्तविक कॉलर की पहचान असंभव होती है।
दूरसंचार विभाग ने बताया था कि विदेशों से कॉल के लिए सीएलआई को बाध्यकारी बनाना संभव नहीं है। आईबी ने इस समस्या का तकनीकी हल खोजे जाने तक विभाग से नेट टेलीफोनी सेवाएँ बंद करने को कहा है।
लाखों होंगे प्रभावित
यदि दूरसंचार विभाग ने इस पर अमल किया तो बेहद कम खर्च पर नेट के जरिए फोन करने वालों या कम्प्यूटरों पर मुफ्त कॉल करने वाले लाखों लोग प्रभावित होंगे। इस समय एमटीएनएल समेत 34 इंटरनेट सेवा प्रदाता इंटरनेट टेलीफोनी की सेवा दे रहे हैं।