विनिवेश विभाग का कहना है कि अगले वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 40 हजार करोड़ रुपए के विनिवेश लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा और विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है।
विनिवेश सचिव सुमित बोस ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से 40 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य है इसे पूरा कर लिया जाएगा। 2010-11 के बजट में यह अनुमान रखा गया है हालाँकि चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान है।
बोस ने कहा कि विभाग स्थिति की समीक्षा कर रहा है और विनिवेश प्रस्तावों में एक-एक कर विचार होगा।
चालू वित्त वर्ष में ऑइल इंडिया, एनएचपीसी में विनिवेश किया गया जबकि एनटीपीसी और रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन का इश्यू फरवरी में बाजार में उतरा है। एनएमडीसी का इश्यू 10 मार्च से खुल रहा है।
सतलुज जल विद्युत निगम का विनिवेश इसी वित्त वर्ष में होना था लेकिन अब यह अगले वित्त वर्ष में आयेगा। इसके अलावा इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड में भी सरकारी हिस्सेदारी के विनिवेश को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है।
सरकार के निर्णय के अनुसार सभी मुनाफा कमाने वाले केन्द्रीय उपक्रमों में जनता की शेयर भागीदारी कम से कम 10 प्रतिशत होनी चाहिए और सभी असूचीबद्ध केंद्रीय उपक्रमों को अगले कुछ वर्षों में सूचीबद्ध कराना होगा। इस हिसाब से कम से कम 60 कंपनियाँ विनिवेश की कतार में हैं। (भाषा)