'मैन ऑफ द मैच' तिलकरत्ने दिलशान की शानदार बल्लबाजी (96 रन नाबाद) के बाद एंजेलो मैथ्यूज के कहर (पहले ही ओवर में 3 विकेट) की बदौलत श्रीलंका ने वेस्टइंडीज को 57 रनों से हराकर ट्वेंटी-20 विश्वकप के फाइनल में प्रवेश किया, जहाँ 21 जून को उसका मुकाबला पाकिस्तान से होगा। यह मैच भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे से प्रारंभ होगा। इस तरह एशिया की ही दोनों टीमें विश्वकप का अंतिम मुकाबला खेलेंगी।
दिलशान ने पहले बल्लेबाजी में अपना कमाल दिखाया और फिर लंकाई गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत श्रीलंका की झोली में डाल दी। श्रीलंका ने टॉस हारकर 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 158 रन बनाए। वेस्टइंडीज की टीम 17.4 ओवर में 101 रन ही बना सकी।
सलामी बल्लेबाज कप्तान क्रिस गेल 63 रन बनाकर नाबाद रहे। इंडीज की ओर से शेष कोई भी बल्लेबाज दोहरी संख्या तक नहीं पहुँच सका। हाँ, अतिरिक्त रनों की संख्या जरूर 11 रही। एंजेलो मैथ्यूज ने 16 रन देकर 3, मुरलीधरन ने 29 रन देकर 3 और अजंता मेंडिस ने 9 रन देकर 2 विकेट लिए।
यूँ देखा जाए तो 159 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज टीम की कमर एंजेलो मैथ्यूज ने पहले ही ओवर में तोड़ दी थी। उन्होंने दूसरी गेंद पर जेवियर मार्शल को, चौथी गेंद पर सिमंस को और छठी गेंद पर ब्रावो को बोल्ड किया। तीनों ही बल्लेबाज खाता खोलने में नाकाम रहे। वेस्टइंडीज पहले ओवर में 1 रन पर 3 विकेट गँवा चुका था।
मैथ्यूज के सदमे से उबरते हुए कप्तान क्रिस गेल ने चन्द्रपाल को साथ लेकर स्कोर को आगे बढ़ाया लेकिन श्रीलंका के आक्रमण के सामने वे बेबस नजर आए। 43 रन के कुल स्कोर पर अजंता मेंडिस ने चन्द्रपाल (7) को पगबाधा आउट कर दिया। उस समय वेस्टइंडीज को 70 गेंदों में जीत के लिए 116 रनों की दरकार थी।
बाद में रामनरेश सरवन भी अपने कप्तान का अधिक देर तक साथ नहीं दे सके और 7 रन के निजी स्कोर पर मुरलीधरन की स्पिन के जाल में फँस गए। जब वेस्टइंडीज का पाँचवाँ विकेट आउट हुआ, तब उसे जीत के लिए 53 गेंदों पर 95 रनों की जरूरत थी।
जब इंडीज को 35 गेंदों पर 82 रनों की दरकार थी, उसी समय पोलार्ड (3) मुरलीधरन की वाइड गेंद पर स्टम्पिंग आउट हो गए। इस तरह जैसे जैसे समय बीतता गया, वेस्टइंडीज से जीत दूर होती चली गई। दिनेश रामदीन (9) इसरू उदाना की गेंद पर आउट हुए तब स्कोर 7 विकेट पर 86 रन हो चुका था। मुरलीधरन ने अगला शिकार टेलर (2) को बनाकर वेस्टइंडीज को आठवाँ झटका दिया।
सामी (1) को मेंडिस ने मुबारक के हाथों कैच करवाया और फिर मलिंगा ने बेन (0) को बोल्ड करके 17.4 ओवर में वेस्टइंडीज की पारी 101 रन पर ही समेट दी।
इससे पहले बेहतरीन फॉर्म में चल रहे तिलकरत्ने दिलशान की नाबाद 96 रन की बेजोड़ पारी की मदद से श्रीलंका ने पाँच विकेट पर 158 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया था।
अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाने वाले दिलशान ने शुरू से लेकर अंत तक श्रीलंकाई पारी को संभाले रखा और 57 गेंद की अपनी पारी में 12 चौके और दो छक्के लगाए। यह ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय में तीसरी सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी है।
पारी की अंतिम गेंद पर उन्हें शतक पूरा करने के लिए छक्के की जरूरत थी लेकिन वे दो रन ही ले पाए और शतक जड़ने वाला दूसरा बल्लेबाज बनने से चूक गए। यह श्रीलंका की तरफ से ट्वेंटी-20 में और इस टूर्नामेंट में किसी भी बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर है। उनसे पहले वेस्टइंडीज के कप्तान क्रिस गेल 88 रन बनाकर शीर्ष पर थे।
अपने तूफानी तेवरों के लिए विख्यात सनथ जयसूर्या शुरू से ही रन बनाने के लिए संघर्ष करते रहे लेकिन दिलशान ने दूसरे छोर से गेंद को समय-समय पर सीमा रेखा पार भेजकर स्कोर चलायमान रखा। इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 63 गेंद पर 73 रन की साझेदारी की लेकिन आठ गेंद और चार रन के अंदर तीन विकेट गँवाने से टीम फिर बैकफुट पर आ गई।
ब्रावो ने अपने दूसरे स्पैल में जयसूर्या की संघर्षपूर्ण पारी का अंत किया जिन्होंने 37 गेंद पर 24 रन बनाए और शॉर्ट फाइन लेग पर जेरोम टेलर को आसान कैच देकर पैवेलियन लौटे। इसके एक गेंद बाद कुमार संगकारा ने गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपना विकेट गँवाया।
कीरोन पोलार्ड ने अगले ओवर में माहेला जयवर्धने (2) को भी पैवेलियन भेज दिया, जिन्होंने ढीली गेंद पर ढीला शॉट खेला। इससे श्रीलंका का स्कोर तीन विकेट पर 77 रन हो गया। दिलशान ने हालाँकि एक छोर संभाले रखा। पहले तीन ओवर में जब केवल 12 रन बने तो वे दिलशान ही थे, जिन्होंने चौथे ओवर में टेलर की अंतिम दो गेंद पर चौका और छक्का जमाया और फिर ब्रावो पर लगातार तीन चौके लगाए।
सुलेमान बेन और क्रिस गेल के रूप में स्पिन आक्रमण के सामने जब रन बनाना मुश्किल हो रहा था तब दिलशान ने कैरेबियाई कप्तान पर लगातार चौका और छक्का लगाया। दूसरे छोर से विकेट गिरने पर भी उन्होंने एक छोर संभाले रखा और पोलार्ड और ब्रावो को विशेष रूप से निशाना बनाया। ब्रावो के तीसरे ओवर में चार चौके पड़े जिसमें तीन बार दिलशान ने गेंद सीमा रेखा पार भेजी।
दाएँ हाथ के इस बल्लेबाज ने चामरा सिल्वा (11) के साथ चौथे विकेट के लिए 50 रन की साझेदारी की तथा इस बीच टूर्नामेंट में 300 की रनसंख्या छूने वाले पहले बल्लेबाज बने। सिल्वा और जेहान मुबारक (7) के पैवेलियन लौटने के बाद एंजेलो मैथ्यूज (नाबाद 12) ने गेल के अंतिम ओवर में छक्का और चौका जड़ा।