ईशांत को है आराम की जरुरत:श्रीनाथ

शुक्रवार, 19 जून 2009 (21:35 IST)
ट्‍वेंटी-20 विश्व कप टूर्नामेंट में भारतीय टीम के नाकाम अभियान के दौरान तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा के असरहीन प्रदर्शन पर पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है ताकि वह अपने फॉर्म में लौट सकें।

श्रीनाथ ने एक खेल वेबसाइट के लिए लिखे अपने कॉलम में कहा कि ईशांत ने अपने कॅरियर के दूसरे चरण में अभी पहला कदम ही रखा है। बेहद आश्चर्यजनक तरीके से अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले ईशांत उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए जूझ रहे हैं। न्यूजीलैंड दौरे के समय से ही उनकी गेंदबाजी में पहले जैसी धार नहीं देखने को मिल रही है।

उन्होंने कहा कि किसी खिलाड़ी को ऐसी स्थिति से उबरने के लिए क्या करना चाहिए. यह एक बडा सवाल है। चूँकि ईशांत भारत की तेज गेंदबाजी के भविष्य हैं, इसलिए उन्हें पूरी ताकत के साथ अपनी लय में वापस आने के लिए आराम की जरुरत है। टीम के चयनकर्ताओं को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सिरीज में भी ईशांत को जहीर की तरह आराम करने का मौका देना चाहिए।

ट्‍वेंटी-20 विश्व कप में टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन तथा सुपर आठ चरण के आखिरी मैच में दक्षिण अफ्रीका के हाथों मिली हार पर 39 वर्षीय इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि भारतीय टीम को जीत के साथ ही यह दौरा समाप्त करना चाहिए था और ऐसा होता तो अच्छा होता। हालाँकि मैं भारतीय टीम की मानसिक स्थिति समझ सकता हूँ। एक ओर एक टीम सेमीफाइनल में पहुँचने की दिशा में बढ़ रही थी तो दूसरी टीम लगातार मिली दो हार से सदमें में थी।

श्रीनाथ ने कहा ‍कि लगातार दो मैचों में हार के बाद एक और मैच खेलना इतना आसान नहीं होता। शायद यही वजह है कि गत चैंपियन टीम इंडिया के खिलाड़ी यह मुकाबला भी हार गए। हालाँकि श्रीनाथ ने कहा कि टीम इंडिया के पास ट्‍वेंटी-20 विश्व कप का खिताब बरकरार रखने का पूरा मौका था लेकिन अहम मौकों पर वह फायदा उठाने में कामयाब नहीं रही।

उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ हारने से पहले तक टीम इंडिया एक चैंपियन की तरह लग रही थी। यहाँ तक कि इन मैचों के दौरान कई मौके भारत के पक्ष में थे। यदि इन मौकों को भुना लिया जाता तो हम खिताब को बरकरार रखने में कामयाब हो सकते थे। हालाँकि क्रिकेट की यही विशेषता है और खासकर फटाफट क्रिकेट के बारे में तो यह बात बखूबी लागू होती है।

श्रीनाथ ने कहा ‍कि फटाफट क्रिकेट में हाथ आए मौके को लपक लेना काफी मायने रखता है। उदाहरण के तौर पर यदि एक टीम ।80 रन का पीछा कर रही है और इसकी शुरुआत शानदार हो जाती है तो आने वाले खिलाड़ी पूरी ऊर्जा से भर जाते हैं और वे कोई भी कारनामा कर सकते हैं। हालाँकि भारतीय टीम के साथ दुर्भाग्य की बात रही कि सुपर आठ चरण के मुकाबलों में टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और मौका पड़ने पर पूरी टीम लड़खड़ा जाती थी।

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