ऑस्ट्रेलिया से बराबरी का मौका-सचिन

शुक्रवार, 4 जनवरी 2008 (20:57 IST)
पिछले साल के 'नर्वस नाइंटीज' के मिथक को तोड़कर आज यहाँ अपना 38वाँ टेस्ट सैकड़ा बनाने वाले सचिन तेंडुलकर ने कहा कि मेलबोर्न में ऑस्ट्रेलिया से मिली करारी शिकस्त के बाद उनके शतक ने भारत को बराबरी करने का मौका दिया है।

तेंडुलकर ने पिछले साल मई के बाद से शतक नहीं जमाया था और वह कई बार 90 रन के स्कोर पर आउट हुए थे, लेकिन आज उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में नाबाद 154 रन की पारी से इस मिथक को तोड़ते हुए यहाँ पर तीसरा सैकड़ा जड़ा।

तीसरे दिन के खेल के बाद तेंडुलकर ने कहा ऑस्ट्रेलिया विश्व की सर्वश्रेष्ठ टीम है। जब आप दुनिया की शीर्ष टीम के खिलाफ बढ़िया प्रदर्शन करते हो यह अच्छा लगता है। इस मौके पर बढ़िया प्रदर्शन कर उन्हें शिकस्त देना एक चुनौती है। पूरा विश्व भी यही करने की कोशिश कर रहा है।

मेलबोर्न में 376 रन की निराशाजनक हार के बाद उनके शतक ने भारत को दूसरे टेस्ट में भारत को अच्छी स्थिति में पहुँचा दिया है। तेंडुलकर ने कहा इस बार यह थोड़ा मुश्किल था क्योंकि 2007 में मैं कई शतक बनाने से चूक गया था और मैं इसे जारी नहीं रखना चाहता था।

उन्होंने कहा मैं 2008 में आगे बढ़ना चाहता था और सबसे अहम बात यह है कि यह सही समय पर बना इसलिये मैं इसके बारे में खुश हूँ। तेंडुलकर ने खुलासा किया कि वह मैच से पहले चेहरे की एलर्जी से जूझ रहे थे, जिसके कारण उन्हें इंडोर अभ्यास करने पर बाध्य होना पड़ा था। इसके लिए उन्हें डॉक्टर से उपचार की जरूरत भी पड़ी थी।

तेंडुलकर ने कहा मेरे चेहरे पर भयानक एलर्जी थी। अगर आपने 30 और 31 दिसंबर को देखा होता तो आप मुझे पहचान भी नहीं सकते थे। उन्होंने कहा यह मेरे पूरे चेहरे पर थी। मुझे अस्पताल जाना पड़ा। मैं खुश हूँ कि सब कुछ ठीक रहा।

टेस्ट में 11 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले इस दाएँ हाथ के बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया के महान डॉन ब्रैडमैन से खुद की तुलना करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा मुझे नहीं लगता कि किसी की भी तुलना सर डॉन से की जा सकती है। तेंडुलकर ने कहा कि मेलबोर्न की करारी शिकस्त के बाद भारत ने अच्छी वापसी की है।

उन्होंने कहा हम अपनी क्षमता पर विश्वास रखते हैं। हम जानते हैं कि एक खराब मैच का यह मतलब नहीं होता कि हम वापसी नहीं कर सकते। हमारी टीम में विश्वास था। यह बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक लंबा दौरा है और एक कठिन दौरा भी साबित होगा। हम मानसिक रूप से मजबूत होने के लिए तैयार हैं।

वह अपने प्रयास के बाद भारत को अच्छी स्थिति में पहुँचाने से काफी खुश थे क्योंकि भारत ने पहली पारी में 69 रन की बढ़त हासिल कर ली है। तेंडुलकर ने कहा मैंने संघर्ष जारी रखा और गेंद के हिसाब से अपना खेल खेला। मैंने शाट लगाने के लिये ढीली गेंदों का इंतजार किया।

मैच की स्थिति के बारे में तेंडुलकर ने कहा कि टेस्ट के बचे हुए अगले दो दिनों में स्पिनर अहम भूमिका निभाएँगे। तेंडुलकर ने कहा पिच से उछाल और टर्न मिल रही है और गेंद पिच पर रुक भी रही है। स्पिनर अब इस पर बल्लेबाजों को अधिक परेशानी में डालेंगे लेकिन तेज गेंदबाजों को इससे खास मदद नहीं मिलेगी।

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