श्रीकांत ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा

बुधवार, 7 सितम्बर 2011 (23:36 IST)
राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष कृष्णामचारी श्रीकांत ने स्वीकार किया है कि भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी लेकिन उन्होंने कहा कि इस हार के लिए चयनकर्ताओं को दोषी ठहराना सही नहीं होगा।

भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे में अब तक पहली जीत की तलाश है। टेस्ट श्रृंखला में 0-4 से पराजित होने के बाद उसे ट्वेंटी-20 और कल दूसरे एकदिवसीय मैच में भी हार का मुंह देखना पड़ा।

श्रीकांत ने कहा आप यह कह सकते हो कि हम पूरी तरह से तैयार नहीं थे। कुछ खिलाड़ी वेस्टइंडीज से सीधे वहां पहुंचे। इंग्लैंड की परिस्थितियां थोड़ी भिन्न हैं लेकिन आईसीसी एफटीपी (भविष्य का दौरा कार्यक्रम) काफी पहले तय हो गया था तथा यहां तक कि बीसीसीआई भी इसको लेकर कुछ नहीं कर सकता था।

भारत ने दौरे में अपनी नंबर एक टेस्ट रैंकिंग भी गंवाई लेकिन श्रीकांत इसके खिलाड़ियों की आलोचना करने और चयनकर्ताओं पर हार का दोष मढ़ने के खिलाफ हैं।

उन्होंने ‘हेडलाइन्स टुडे’ से कहा जब चीजें गलत हो जाती हैं तो फिर दोष मढ़ने का कोई मतलब नहीं बनता। यह एकमात्र श्रृंखला रही, जिसमें हमारे अनुकूल कुछ भी नहीं हुआ। आप चयनकर्ताओं को इस हार का दोष क्यों दे रहे हो।

श्रीकांत ने कहा भारत 20 महीने तक नंबर एक टीम रहा। हमने न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज को उसकी सरजमीं पर हराया और चार साले पहले इंग्लैंड को भी उसकी धरती पर हराया था लेकिन इस बार कुछ भी हमारे अनुकूल नहीं रहा।

श्रीकांत ने स्वीकार किया कि युवा बल्लेबाज सुरेश रैना को शॉर्ट पिच गेंदों को खेलने में परेशानी होती है लेकिन यह मानने से इनकार कर दिया कि भारत की ‘बेंच स्ट्रैंथ’ कमजोर है।

इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा रैना को विशेषकर टेस्ट मैचों में शॉर्ट पिच गेंदों के सामने अपनी तकनीक में सुधार करना होगा। लेकिन मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हमारी बेंच स्ट्रेंथ (सीनियर खिलाड़ियों की जगह लेने के लिए युवा खिलाड़ियों का पूल) कमजोर है। यह प्रक्रिया है।

पिछले कुछ वर्षों में जिन युवा खिलाड़ियों को मौका मिला उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। श्रीकांत ने जहीर खान और वीरेंद्र सहवाग जैसे चोटिल खिलाड़ियों का चयन करने का भी बचाव किया। उन्होंने कहा टीम का सहवाग और जहीर की जरूरत थी। इन खिलाड़ियों को भी लगा कि वे कोशिश कर सकते हैं।

उन्होंने कहा जहां तक सहवाग का सवाल है तो हमें स्वीकार करना चाहिए कि उसने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन उसे लगा कि वह पूरी तरह से फिट नहीं है। आप वही करते हो जो विशेषज्ञ आपसे कहते हैं लेकिन वहां पहुंचने के बाद उसे लगा कि वह नहीं चल पाएगा। देश को उनकी जरूरत थी। उन्होंने असल में देश को ऊपर रखा। उन्हें लगा कि देश को उसकी सेवाओं की जरूरत है।

श्रीकांत को फिर से इस पद पर बरकरार रखे जाने की संभावना है लेकिन उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा यह मेरे और बोर्ड के बीच का मसला है। चयन की तरह इस तरह के मसलों पर भी सार्वजनिक चर्चा नहीं की जाती है। यह बोर्ड का फैसला होगा लेकिन हमें कुछ दिनों में पता चल जाना चाहिए। (भाषा)

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