लव लेटर लिखने से पहले

- पारस कोठारी
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प्यार करना कोई गुनाह नहीं है। यह सच है कि किसी से प्यार होने पर आपकी जिंदगी के मायने ही बदल जाते हैं। अपने आप में एक कॉन्फिडेंस पैदा होता है। प्यार जीवन को एक नई एनर्जी देता है। लेकिन प्यार में किसी द्वारा धोखा दिए जाने पर इंसान इतना टूट जाता है कि अपने आपको संभालना मुश्किल हो जाता है।

आज कई लड़कियाँ कच्ची उम्र में तारीफ के दो शब्द कह देने पर उसकी ओर अट्रैक्ट हो जाती हैं और इसी क्षणिक आकर्षण को लव समझ बैठती हैं। सें‍टिमेंट्‍स में बहते हुए वह सामने वाले से न जाने कितने ही प्रॉमिस कर बैठती है। वे यह भी नहीं जान पातीं है कि जिसे वह अपना सब कुछ समझ रही है क्या वह भी उससे उतना ही प्यार करता है? कहीं वह केवल बाहरी सौंदर्य से आकर्षित होकर झूठे वादे करके बहला तो नहीं रहा? जिसे आप प्यार का नाम दे रही हैं कहीं वह इस रिश्ते का गलत फायदा तो नहीं उठाना चाहता?

प्यार की मंजिल की ओर बढ़ते हुए बारी आती है प्रेम पत्र की जो सच्चे प्यार में तो बहुत महत्व रखता है लेकिन कुछ लोगों द्वारा इसका गलत फायदा उठाया जाता है, अतः लड़कियों को चाहिए कि वे प्रेम पत्र लिखते समय सावधानी बरतें। यदि आपको लगे कि प्रेम पत्र लिखना जरूरी है तो इन बातों पर गंभीरता से सोचें।

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* आपका ब्वॉयफ्रेंड/लवर आपको बार-बार लेटर लिखने के लिए फोर्स तो नहीं कर रहा है? यदि वह आपको प्रेम पत्र लिखने के लिए मजबूर करे तो आप यह देखें कि उसकी नीयत ठीक है या नहीं?

* जिन इमोशन्स का आदान-प्रदान आप लव लेटर द्वारा करना चाहती हैं उन बातों के लिए अन्य कोई माध्यम या मुलाकात हो सकती हो तो प्रेम पत्र लिखने से बचें।

* यह तय कर लें कि सामने वाला भी आपसे उतना ही सच्चा प्यार करता है, जितना आप उसे करती हैं। कहीं आपकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा है।

* आपको अपने लवर पर विश्वास है कि यदि आप उसकी लाइफ पार्टनर न बन सकीं तो वह उन पत्रों का मिस यूज नहीं करेगा।

* यह अच्छी तरह से सोच लें कि लिखा हुआ हर शब्द दस्तावेज होता है। आपके द्वारा पत्र में लिखी हुई बातें भविष्य में आपके लिए कोई सिरदर्द न बनें, इसका ख्याल आपको ही रखना है।

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