आपका पैग़ाम, दोस्तों के नाम ...

प्रिय पाठको और मित्रो... यों तो यारी दोस्ती के लिए कोई वक्त मुकर्रर नहीं होता। यारबाज़ी का भी कोई समय होता है भला? पर आज की भाग-दौड़ वाली ज़िन्दगी में तो उसके लिए भी अलग से ही समय निकालना पड़ता है। वरना कई बार तो हम अपने प्रिय मित्र या सहेली से ये कह भी नहीं पाते कि वो हमारे लिए कितना ख़ास है।

मित्रता दिवस बस दहलीज़ पर ही है... तो फिर सोचना क्या! बस नीचे प्रतिक्रिया के लिए दिए गए स्थान का उपयोग करके अपने प्रिय मित्र के नाम अपना पैग़ाम हमें लिख भेजिए। चुनिंदा संदेशों का प्रकाशन हम रविवार 5 अगस्त 2007 को वेबदुनिया पर करेंगे। कृपया ध्यान रखें :-

1. संदेश 100 शब्दों से ज़्यादा का न हो।
2. आपका ई-मेल पता एकदम ठीक होना चाहिए, अन्यथा हम संदेश प्रकाशित नहीं कर पाएँगे।
3. हम उन्हीं संदेशों का प्रकाशन कर पाएँगे जो अर्थपूर्ण हों।
4. संदेशों को संपादित करने या प्रकाशित न करने का अधिकार वेबदुनिया के पास सुरक्षित रहेगा।
5. आप दोस्ती पर अपने विचार भी हमें लिखकर भेज सकते हैं।

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