खुले आसमान के नीचे सोए राहुल

बुधवार, 16 अप्रैल 2008 (20:18 IST)
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव राहुल गाँधी ने मंगलवार रात यहाँ से 23 किलोमीटर दूर आदिवासियों की बस्ती टपरियन में पहुँचकर उनकी समस्याएँ सुनीं और उनकी दिनचर्या को करीब से समझने का प्रयास किया।

राहुल गाँधी बिना किसी पूर्व सूचना के अपने गोपनीय मिशन के तहत झाँसी से सड़क मार्ग से होते हुए रात 11 बजे टपरियन पहुँचे और वहाँ से घनश्याम आदिवासी के यहाँ गए और बातचीत के बाद पूछा कि घर में खाने को क्या है। घनश्याम ने बताया कि अभी केवल चटनी और रोटी ही है, तब राहुल ने चटनी के साथ एक रोटी खाई।

राहुल गाँधी को अपने बीच पाकर अभिभूत घनश्याम ने तुरंत आलू-टमाटर की सब्जी और पूरी बनवाई, जिसे राहुल गाँधी ने चाव से खाया। खाना खाने के बाद राहुल घनश्याम के घर के बाहर एक चारपाई पर बैठ गए और उन्होंने 40-50 आदिवासियों की इस बस्ती के सभी लोगों को वहाँ बुला लिया और उनकी समस्याएँ सुनीं। इस दौरान उन्होंने बस्ती में आसपास से आए लोगों को बाहर करवा दिया और केवल आदिवासियों से ही बातचीत की।

राहुल ने इस दौरान कहा कि वह लोगों के बीच इसलिए आए हैं ताकि उनकी समस्याएँ जान सकें और उनको दूर करने का प्रयास कर सकें। उन्होंने देर रात तक आदिवासियों की समस्याएँ सुनीं और बाद में उसी चारपाई पर सो गए। इस बीच स्थानीय नेताओं को जब राहुल गाँधी के वहाँ पहुँचने की खबर लगी तो वह टपरियन पहुँचने लगे, लेकिन राहुल ने किसी भी नेता से भेंट नहीं की।

आदिवासियों की बस्ती में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने के बाद राहुल गाँधी आज सुबह सात बजे टीकमगढ़ पहुँचे तथा यहाँ फोर्ट ब्ल्यू होटल में चार-पाँच घंटे विश्राम के बाद 11 बजे छतरपुर के लिए रवाना हो गए।

राहुल के आगमन की खबर पाकर आज सुबह कांगेस नेताओं सहित हजारों लोगों की भीड़ उनकी एक झलक पाने के लिए होटल के बाहर इकट्ठा हो गई। होटल से बाहर निकलने के बाद उन्होंने भीड़ की और बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया, जिसके कारण वे किसी से बातचीत किए बिना रवाना हो गए। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें